इस रिपोर्ट के तहत महिलाओं और पुरुष उम्मीदवारों के कुल 51,143 हलफनामों की जांच की गई जिसमें देश भर के 4865 सांसद और विधायकों भी शामिल हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि देश के कुल 51,143 उम्मीदवारों में से सिर्फ 4173 महिलाएं हैं जो कि इसका 8 फीसदी ही हैं.
इसके अलावा कुछ और दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं जैसे कि
- इन 4173 महिलाओं में से 546 महिला उम्मीदवारों (13 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों का होना स्वीकारा है.
- जिन 4173 महिलाओं के हलफनामों का विश्लेषण हुआ है उसमें से 1060 महिलाएं (25 फीसदी) करोड़पति हैं.
- पिछले तीन लोकसभा चुनावों को देखा जाए तो 2004 से 2014 के बीच उम्मीदवारों की संख्या में काफी अच्छी बढ़ोतरी हुई लेकिन महिला उम्मीदवारों की संख्या में नाममात्र का ही इजाफा हुआ.
- वहीं राज्य विधानसभाओं में देखा जाए तो चुनाव में 10 फीसदी से ज्यादा महिलाएं चुनाव नहीं लड़ती हैं. झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और छत्तीसगढ़ में चुनाव के दौरान महिला उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा होती है.
मौजूदा सांसद/विधायकों में महिलाओं की स्थिति
मौजूदा 4865 सांसद/विधायकों में से सिर्फ 440 सांसद या विधायक ही महिलाएं हैं जो कि इसका 9 फीसदी है.
इन 440 महिला सांसद या विधायकों में से 310 महिलाएं करोड़पति हैं जो कि इसका 70 फीसदी है.
440 महिला सांसद या विधायकों में से 94 (21 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों के दर्ज होने की बात स्वीकारी है.
सांसदों की बात करें तो लोकसभा में 542 में से 66 महिला सांसद (12 फीसदी) हैं और राज्य सभा में 228 सांसदों में से 25 (11 फीसदी) महिला सांसद हैं.
राज्य विधानसभाओं में देखें तो छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल में महिला विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है.
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