नई दिल्लीः भारतीय सेना ने पहली बार हिममानव 'येति' की मौजूदगी का दावा किया है. अपने दावे के साथ आर्मी ने कुछ तस्वीरें भी ट्वीटर के जरिए शेयर की हैं. इन तस्वीरों में साफ साफ दिख रहा है कि बर्फ पर कुछ निशान बने हुए हैं. सेना के मुताबिक यह निशान 'येति' के पैरों के हो सकते हैं.


आर्मी की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि पहली बार भारतीय सेना की माउटाइरिंग एक्सपेडिशन टीम को 9 अप्रैल को मकालू बेस कैंप के करीब 32 इंच लंबे और 15 इंच चौड़े फुट प्रिंट के निशान मिले हैं जो हिम मानव 'येति' के हो सकते हैं. इस हिममानव को पहले मकालू-बरुन नेशनल पार्क में देखे जाने की दावा किया गया था.


क्या होती है येति की शक्ल?


विशालकाय वानर जैसा दिखने वाले येति को इंसानों का ही पूर्वज माना जाता है. साल 1832 में पहली बार एक पर्वतारोही ने उत्तर नेपाल में दो पैरों पर चलने वाले महा वानर को देखने का दावा किया था. तब से आज तक हिम मानव की कहानी कही और सुनाई जाती रही है, लेकिन इसके असल में होने के सबूत पहली बार सामने आए हैं.


सेना के दावे की होगी पड़ताल

भारतीय‌‌ सेना‌ हिम-मानव से जुड़े और फोटो और वीडियो जल्द सामने लाएगी. अभी तक किवदंतियों में ही येति की कहानियां सुनी जाती थी, लेकिन अब उसके अस्तितव के प्रमाण सामने आ सकते हैं. पहले भी नेपाल के इस माउंट मकालू पर्वत में ही येति को देखने की घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन कोई प्रमाण नहीं मिलता था. पहली बार भारतीय सेना के इस‌ दल ने प्रमाण दिया है. माना जा रहा है कि अब वैज्ञानिक सेना के इस‌ दावे की जांच पड़ताल करेंगे.


क्या है येति ?


- दुनिया के सबसे रहस्यमयी प्राणियों में से एक.


- कुछ शोधकर्ता इसे ध्रुवीय भालू की नस्ल का मानते हैं.


- 40 हजार साल पुरानी मानी जाती है येति की प्रजाति.


- दावा है कि येति की शक्ल बंदर जैसी होती है.


- इंसानों की तरह दो पैरों पर चलने का दावा.


- कई बार येति को देखे जाने की बात सामने आई.


- लद्दाख के कुछ बौद्ध मठों ने भी येति देखने का दावा किया था.


- येति का निवास नेपाल और तिब्बत के हिमालय क्षेत्र में माना जाता है.


भारतीय सेना ने किया हिम मानव ‘येति’ की मौजूदगी का दावा, शेयर की येति के पैरों के निशान वाली तस्वीरें