नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और झारखंड दोनों ही राज्यों के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के लिए एक सीट पर पेंच फंसा. वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस बीजेपी की राह में रोड़े अटकाने की पूरी कोशिश कर रही है.


छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी की जीत में पेंच फंसा रखा है. यहां कुल 90 विधायक हैं और एक सीट के लिए दो उम्मीदवार हैं. बीजेपी के सरोज पांडे के खिलाफ कांग्रेस ने लेखराम साहू को उतार रखा है.


बीजेपी उम्मीदवार पांडे को जीत के लिए 46 वोट की जरूरत है. बीजेपी के पास अभी 49 विधायक हैं. आंकड़ों के हिसाब से सरोज आसानी से जीतेगी. कांग्रेस ने 41 विधायकों के दम पर उम्मीदवार उतारा है.


कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव, ये भी समझिए
राज्यसभा संसद का उच्च सदन होता है, राज्यसभा राज्यों की परिषद है. यानी ये अप्रत्यक्ष रुप से जनता का प्रतिनिधित्व करती है. कोई भी बिल लोकसभा के साथ ही राज्यसभा में भी पास होना जरूरी है. राज्यसभा में बिल पास ना होने पर वो कानून नहीं बन पाता है.


राज्यसभा में कुल 233 सदस्य होते हैं जबकि राष्ट्रपति अधिकतम 12 सदस्य नॉमिनेट कर सकते हैं. इस तरह राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं. राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल 6 साल का होता है. इनमें से हर 2 साल में एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल खत्म होता है, इसलिए उतनी सीटों के लिए चुनाव होते हैं.


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राज्यसभा के चुनाव की प्रक्रिया लोकसभा और विधानसभा चुनावों से अलग है. राज्यसभा के चुनाव में लोकसभा चुनाव की तरह आम आदमी वोट नहीं करता है. जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि यानी सिर्फ विधायक वोट करते हैं. इस चुनाव में विधायक प्राथिमकता के आधार पर वोट करता है. यानी विधायक को बताना होता है कि उम्मीदवारों में पहली पसंद कौन है.


वोटिंग के लिए होगा खास तरह के पेन का इस्तेमाल
राज्यसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने एक खास किस्म के पेन के इस्तेमाल का निर्देश दिया है. इस पेन को कर्नाटक के मैसूर में स्थित मैसूर पेंट्स एवं वर्निश लिमिटेड ने तैयार किया है. पेन का रंग ग्रे होगा जबकी स्याही का रंग बैंगनी होगा.


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पेन यूज एंड थ्रो और नॉन रिफिलेबल प्रकृति का होगा. हर एक पेन के लिए विशिष्ट क्रम संख्या होगी. पेन पर काले रंग से भारत निर्वाचन आयोग का नाम और लोगो भी छपा होगा. पेन की निब सील होगी जिसे कोई खोल न सके. साल 2016 में हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में पेन की स्याही को लेकर विवाद हो गया था.