#MeToo: कैसे और कहां से हुई इसकी शुरुआत, पढ़ें- इस मूवमेंट के बारे में सबकुछ
MeToo Movement: इस मुहिम के शुरुआत के बाद अब धीरे-धीरे महिलाएं अपनी चुप्पी तोड़ रही हैं. पहले वो किसी दबाव की वजह से कुछ भी कहने से बचती थीं, लेकिन अब वहीं महिलाएं खुलकर अपनी बातें #MeToo कैंपेन के तहत कह रही हैं.
MeToo Movement: आजकल सोशल मीडिया पर #MeToo नाम से एक कैंपेन चलाया जा रहा है. इसके जरिए महिलाएं अपने साथ हुए सेक्सुअल असॉल्ट की घटना के बारे में खुलकर बात कर रही हैं. सोशल मीडिया पर महिलाएं अपने बुरे अनुभवों को शेयर करते हुए बता रही हैं कि किस तरह से वर्क प्लेस पर पुरुषों ने उनका फायदा उठाया. शुरुआत में तो इस हैशटैग के जरिए मशहूर महिला कलाकारों ने अपने साथ हुए सेक्सुअल असॉल्ट की घटनाओं को शेयर किया, लेकिन अब इस मुहिम में आम महिलाएं भी अपने बुरे अनुभव शेयर कर रही हैं. फिल्म डायरेक्टर विकास बहल पर एक महिला की ओर से सेक्सुअल असॉल्ट का आरोप लगाए जाने के बाद से भारत में इस मुहिम को काफी ज्यादा समर्थन मिल रहा है. हाल में, तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर के बीच के विवाद ने इस मुहिम को हवा दी थी.
इस मुहिम के शुरुआत के बाद अब धीरे-धीरे महिलाएं अपनी चुप्पी तोड़ रही हैं. पहले वो किसी दबाव की वजह से कुछ भी कहने से बचती थीं, लेकिन अब वहीं महिलाएं खुलकर अपनी बातें #MeToo कैंपेन के तहत कह रही हैं. इस मुहिम की वजह से अब वो लोग डरने लगे हैं जिन्होंने कभी-भी किसी महिला के साथ गलत व्यवहार किया है. हालांकि, इस मुहिम से जस्टिस जैसी कोई बात तो नहीं हो रही है लेकिन कम-से-कम इससे समाज में ये संदेश तो मिल रहा है कि अब महिलाएं अब और यौन शोषण नहीं सहेंगी. अब कोई पुरुष वर्क प्लेस पर या कहीं भी अपनी पॉवर का इस्तेमाल करके किसी महिला का फायदा उठाने से पहले दस बार सोचेगा.
लेकिन #MeToo कोई ऐसा मामला नहीं है, जो पहली बार आया है, बल्कि इसकी शुरुआत हॉलीवुड से होती है.
हॉलीवुड एक्ट्रेस ने चर्चा में लाया #MeToo
सबसे पहले सोशल मीडिया पर इस #MeToo की शुरुआत मशहूर हॉलीवुड एक्ट्रेस एलिसा मिलानो ने की थी. उन्होंने बताया कि हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे विंस्टीन ने उनका रेप किया था. मिलानो ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 16 अक्टूबर 2017 को एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''अगर आप भी कभी यौन शौषण या किसी हमले का शिकार हुए हैं तो मेरे ट्वीट पर #MeToo के साथ रिप्लाई करें.''
If you’ve been sexually harassed or assaulted write ‘me too’ as a reply to this tweet. pic.twitter.com/k2oeCiUf9n
— Alyssa Milano (@Alyssa_Milano) October 15, 2017
मिलानो के इस ट्वीट के बाद कई मशहूर महिला कलाकारों ने #MeToo कैंपेन के जरिए अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के बारे में सोशल मीडिया पर बताया. तब से लेकर अब तक ये कैंपेन चलता आ रहा है.
हॉलीवुड में रोग की तरह फैला है यौन शोषण
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि #MeToo को दुनिया भर में एलिसा मिलानो ने ही चर्चा में लाया. एलिसा के ट्वीट के बाद ही सोशल मीडिया पर महिलाओं ने अपने साथ हुए सेक्सुअल असॉल्ट के बारे में बताना शुरू किया. हार्वे विंस्टीन पर मिलानो के आरोप लगाने के बाद कई और अभिनेत्रियों ने इस प्रोड्यूसर पर यौन शोषण के आरोप लगाए. इसमें एंजेलिना जोली, हेदर ग्राहम और एश्ले जद भी थीं. यहां तक कि इस मुहिम में फेमस सिंगर जेनिफर लोपेज ने भी अपना किस्सा बताया. उन्होंने बताया कि अपने करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें एक फिल्म के डायरेक्टर ने अर्धनग्न होने को कहा था. लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया था.
लेडी गागा, जेनिफर लॉरेन्स, सलमा हायेक, अमेरिका फरेरा समेत कई दिग्गज हस्तियां हैं जिन्होंने इस हैशटैग का समर्थन किया और अपनी बात रखी. हॉलीवुड में इस मुहिम में साथ देने वाली कलाकारों की फेहरिस्त काफी लंबी है. सबके नाम को बताएंगे को लिस्ट काफी लंबी हो जाएगी.
भारतीय महिला कलाकारों ने भी चलाया #MeToo
इस मुहिम के शुरू होने के बाद सिर्फ हॉलीवुड ही नहीं बल्कि विश्वभर में सेक्सुअल हैरेसमेंट को लेकर एक बहस छिड़ गई. इस बहस में बॉलीवुड एक्ट्रेसेस भी खुलकर सामने आई हैं. बॉलीवुड में सबसे पहले #MeToo की शुरुआत मशहूर टीवी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की बबिता यानि एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता ने की थी. इसके बाद बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियों ने इस मुहिम को आगे बढ़ाया. इनमें स्वरा भास्कर, रिचा चड्ढा, कोंकणा सेन शर्मा, कंगना रनौत, राधिका आप्टे, इशिता दत्ता, मलिका दुआ, सुचित्रा कृष्णमूर्ति, साउथ इंडियन एक्ट्रेस पार्वती, चिन्मयी श्रीप्रदा, सजिता मदातिल, रीमा कलिंगल जैसे कई मशहूर महिला कलाकारों के नाम शामिल हैं.
सिर्फ एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की ही महिलाओं ने नहीं, बल्कि दूसरे पेशे की भी महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की कहानी #MeToo के तहत शेयर की. मशहूर पत्रकार बरखा दत्त ने भी बताया कि कैसे उन्हें रिपोर्टिंग के वक्त सेक्सुअल असॉल्ट जैसी घटनाओं का शिकार होना पड़ा.
‘Me Too’ का सबसे पहला जिक्र
ज्यादातर लोग यही जानते है कि #MeToo मुहिम की शुरुआत एलिसा मिलानो ने की थी, लेकिन ये पूरी तरह से सच नहीं है. दरअसल, Me Too का जिक्र सबसे पहले साल 2006 में हुआ था. इस मुहावरे का सबसे पहले इस्तेमाल अमेरिका की मशहूर सोशल एक्टिविस्ट तराना बर्के ने की थी. बर्के ने सबसे पहले अमेरिका के फेमस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘मायस्पेस’ पर ‘Me Too’ नाम के इस मुहावरे की शुरुआत की.
दरअसल, बर्के ने उन महिलाओं ( विशेषकर वंचित समुदायों) के लिए ‘सहानुभूति के माध्यम से सशक्तिकरण’ (Empowerment Through Empathy) नाम से एक अभियान की शुरुआत की थी, जिनके साथ कभी यौन उत्पीड़न हुआ हो. बर्के ने Me Too नाम की एक डॉक्युमेंट्री फिल्म भी बनाई थी. बर्के से एक 13 साल की बच्ची ने बताया कि वो भी यौन उत्पीड़न का शिकार है. जिसके बाद बर्के ने उस बच्ची से कहा- Mee Too.
तराना बर्के का भी हुआ था यौन शोषण
महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने वाली तराना बर्के को भी काफी सालों तक यौन उत्पीड़न सहना पड़ा था. बर्के ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया कि जब वो छह साल की थीं तो उनके साथ पड़ोस के एक लड़के ने रेप किया था. वो लड़का उनका काफी सालों तक यौन शोषण करता रहा. तराना ने बताया कि जब वो बड़ी हुई तो भी पड़ोस के लड़के गलियों में उनके साथ छेड़छाड़ करते थे.
यौन शोषण पर #MeToo एक ऐसी मुहिम है जिसने पूरी दुनिया की महिलाओं को ना केवल यौन शोषण के खिलाफ बोलने की हिम्मत दी है, बल्कि उन्हें एक मंच पर भी खड़ा किया है. इस मुहिम की मदद से इस पितृसत्तात्मक समाज की तमाम बदरंग कहानियां सामने आ रही हैं. इन कहानियों से महिलाओं के अंदर का डर खत्म हो रहा है और उन्हें भविष्य में इसकी मदद से एक अच्छा समाज मिलेगा.
इन सब के बीच एक बड़ा सवाल रह जाता है कि #MeToo के तहत वो महिलाएं तो अपनी बात रख पा रही हैं जिनके पास मोबाइल, इंटरनेट जैसे संसाधन हैं, लेकिन उन महिलाओं का क्या जो गांवों में हैं या जिनके पास अपनी बात रख पाने के लिए इस तरह का कोई जरिया नहीं है.