नई दिल्ली: एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया और उस फैसले ने आज देश में आग लगा दी. देश के चौदह राज्य इस आग की चपेट में आ गये. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलितों ने भारत बंद बुलाया लेकिन बंद ने ऐसा बवाल मचाया कि सात लोगों की मौत हो गई.


यूपी में सौ से ज्यादा लोग अलग अलग जिलों में घायल हैं. मध्य प्रदेश का ग्वालियर, भिंड, मुरैना सबसे ज्यादा हिंसा प्रभावित इलाका है. इस इलाके में बीएसपी का प्रभाव माना जाता है. मध्य प्रदेश पुलिस की ओर से कहा है कि आपसी फायरिंग में मौत हुई है आंकड़ा बढ़ भी सकता है.


14 राज्यों को जलाने वाली आग की शुरुआत कहां से हुई?
देश के 14 से ज्यादा राज्यों में भड़की आग की शुरुआत सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले से हुई है. पूरा मामला महाराष्ट्र के कराड़ में एक कॉलेज के कर्मचारी से जुड़ा है. कर्मचारी ने 2009 में कॉलेज के प्रिंसिपल और विभाग प्रमुख के खिलाफ शिकायत की थी. कर्मचारी के सर्विस रिकॉर्ड में नकारात्मक बात कही गई थीं जिसे उसने उत्पीड़न का मामला बताया.


दो साल बाद 2011 में डायरेक्टर ऑफ टेक्निकल एजुकेशन ने इस मुकदमे की अनुमति नहीं दी तब सुभाष काशीनाथ महाजन डायरेक्टर ऑफ टेक्निकल एजुकेशन का कार्यभार संभाल रहे थे. 5 साल बाद शिकायतकर्ता कर्मचारी ने सुभाष महाजन के खिलाफ भी उत्पीड़न का मामला दर्ज कर दिया. दावा है कि सुभाष महाजन शिकायकर्ता कर्मचारी से मिले भी नहीं थे.


मामला हाईकोर्ट पहुंचा, लेकिन वहां केस पर रोक नहीं लगी, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने केस पर रोक लगाते हुए तीनों को राहत दी. ऐसे मामलों की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट में बदलाव किया और तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी.