अगर हुई ये गलती तो देना पड़ सकता है दोगुना टोल, FASTag के बारे में यहां जानिए सब कुछ
अगर आपकी गाड़ी में फास्टैग नहीं है तो कैश लेन की लंबी कतार में आपको लगना पड़ सकता है. गलती से फास्टैग की लेन में चले जाने पर आपको दोगुना चार्ज देना पड़ सकता है.
नई दिल्ली: अगर आप अपनी कार से नेशनल हाईवे पर सफ़र करने वाले तो ये ख़बर आपके काम की है. नए नियम के मुताबिक़ बीते रविवार से टोल प्लाज़ा पर अब सिर्फ़ एक या दो लेन ही कैश लेन होंगी. बाक़ी सभी टोल लेन सिर्फ़ फ़ास्टैग वाली कारों के लिए ही खुलेंगी. अगर आप गलती से इनमें से किसी लेन में आ गए तो आपको दोगना टोल देना होगा.
आज से किसी भी नेशनल हाइवे पर लगे टोल प्लाजा पर फास्टैग की लाइन में आ जाने वाले बिना टैग के वाहनों से दोगुना टोल वसूला जाएगा. हालांकि टोल प्लाजा पर एक या दो कैश लेन भी होगी. जिनसे बिना टैग वाली गाड़ियां जा सकेगीं. ऐसे में अगर आपकी गाड़ी में फ़ास्टैग नहीं है तो आपको कैश लेन की लम्बी क़तार में लगना पड़ सकता है या ग़लती से फ़ास्टैग की लेन में चले जाने पर दोगुना चार्ज देना पड़ सकता है.
फ़ास्टैग लेने का तरीक़ा सरल है. आप नज़दीक के किसी पेट्रोल पम्प, बैंक या एनएचएआई टोल प्लाज़ा से फ़ास्टैग ले सकते हैं. या फिर अमेजन, एयरटेल या पेटीएम से भी फ़ास्टैग लिया जा सकता है.
फ़ास्टैग अधिकांश जगहों पर 150 रुपये का मिल रहा है जिसमें से पूरे पैसे रिफ़ंडेबल हैं या कहिए कि टोल में एडजस्ट हो जाएंगे. यानी इस्तेमाल होने के बाद आपको फ़ास्टैग मुफ़्त में ही पड़ेगा. कुछ प्लेटफ़ार्मों पे फ़ास्टैग 200 से 400 तक भी मिल रहे हैं लेकिन इन कम्पनियों की ओर से ये दावा किया जा रहा है कि इसमें सिक्योरिटी मनी भी है जो फ़ास्टैग वापस करने पर रिफंड हो जाएगी.
अगर आप फास्टैग लेने जा रहे हैं तो अपने साथ अपने वाहन की आरसी और आधार कार्ड या पैन कार्ड या डीएल या पासपोर्ट की फोटोस्टेट कॉपी ज़रूर ले जाएं. अगर आप एनएचएआई टोल प्लाज़ा से अक्सर गुजरते हैं तो फ़ास्टैग के ज़रिए आपको 2.5% का कैश बैक भी मिल सकता है.
हालांकि अगर आपके फ़ास्टैग एकाउंट में ज़रूरी बैलेंस पैसा नहीं है तो भी आपकी गाड़ी के लिए टोल खुल जाएगा लेकिन बाद में आपको इसका फ़ाईन देना पड़ेगा. इसलिए अपने फ़ास्टैग एकाउंट इतना बैलेंस ज़रूर रखें जिससे आपके रास्ते का ज़रूरी टोल अदा हो सके.
NHAI और बैंकों ने मिलकर देशभर में लगभग 27 हजार सेंटर बनाए हैं, जहां से आप अपनी गाड़ियों पर फास्टैग लगवा सकते हैं. देश के लगभग सभी बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंक फ़ास्ट टैग की सुविधा दे रहे हैं.
फास्टैग को रिचार्ज कराने के लिए अपने मोबाइल पर MY FASTTAG ऐप डाउनलोड कर फ़ास्ट टैग को लिंक करे. फिर अपने बैंक अकाउंट के जरिये आप मोबाइल ऐप की मदद से फास्टैग को रिचार्ज कर सकते हैं.
आरएफआईडी या रेडियो फ्रीक्वेंसी इन्फ्रारेड डिवाइस, एक छोटी चिप या स्टीकर होता है जिसे आप अपनी गाड़ी के आगे वाले शीशे पर चिपका सकते हैं. इसी स्टीकर या चिप को फास्टैग कहते हैं.
फास्टैग लगी गाड़ी जब किसी टोल प्लाजा से गुजरेगी तो वहां टोल नाके पर लगे हाई डेफिनिशन कैमरा गाड़ी के फास्टैग को स्कैन कर लेंगे और टोल भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो जाएगा. फ़ास्टैग को लेकर काफ़ी उत्साह देखा जा रहा है. देश भर में एनएचएआई के प्रत्येक टोल प्लाज़ा पर रोज़ाना क़रीब 200 से 1200 तक की संख्या में फ़ास्टैग बिक रहे हैं.
इलेक्ट्रानिक टोल को लेकर ये सख़्ती अचानक नहीं है बल्कि सरकार पिछले तीन साल से फ़ास्टैग को प्रमोट करने की कोशिश कर रही थी लेकिन पिछले वित्त वर्ष में महज़ 25% टोल ही कैशलेस तरीक़ों से आ पाया.
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के देश भर में 520 टोल प्लाजा पर फ़ास्टैग लेन शुरू कर दी गई है. सरकार का दावा है कि फ़ास्टैग की अनिवार्यता से साल भर में क़रीब 75000 करोड़ रूपए के ईंधन की बचत होगी. बड़ी मात्रा में प्रदूषण कम होगा. साथ ही इन टोल नाकों से गुजरने वाले करीब 70 लाख वाहनों के रोजाना 3.5 लाख घंटों का समय बचेगा.
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