सुविधाओं में अव्वल, लेकिन अभी ‘तेज’ नहीं दौड़ेगी तेजस एक्सप्रेस, जानें क्यों?
मुंबई: मुंबई से गोवा जाने वालों को कल रेलवे ने सबसे आधुनिक ट्रेन का तोहफा दिया. ढेरों सुविधाओं से लैस तेजस एक्सप्रेस को रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने हरी झंडी दिखाकर मुंबई से गोवा के लिए रवाना किया. लेकिन तेजस एक्सप्रेस बस नाम की तेजस होगी, क्योंकि इसकी रफ्तार गतिमान एक्सप्रेस से भी कम होगी. ऐसे में सवाल है कि आखिर तेजस एक्सप्रेस तेज कैसे होगी.
तेजस एक्सप्रेस में ऐसी कई खूबियां हैं जो आमतौर पर एयरलाइंस में देखने को मिलती हैं. सफर को आरामदायक बनाने के एक्जीक्युटिव क्लास में हाईक्वालिटी कुर्सियां लगी हैं. सफर में मनोरंजन के लिए कुर्सियों के सामने एलईडी स्क्रीन भी लगी है,जिसमें मूवी देखने, गेम खेलने के इंतजाम हैं. एक बटन दबाकर आप ट्रेन के अटेंडेंट को बुला सकते हैं, ऐसी सुविधा विमान में ही होती है. कोच में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.
कोच की खूबियों में से एक इसका बाथरूम है. बाथरूम में एयरलाइंस की तर्ज पर वैक्यूम टॉयलेट का इस्तेमाल किया गया है. बाथरूम में सेंसर वाले नल भी दिखेंगे. इसके दरवाजे तेजस एक्सप्रेस की खासियतों में से एक है. दरवाजे ऑटोमैटिक हैं जिसका कंट्रोल ट्रेन के ड्राइवर के हाथ में होगा. ट्रेन में खाने का मेन्यू भी सेलिब्रिटी शेफ ने तैयार किया है.
ट्रेन में वैसे तो कई खूबियां हैं, लेकिन तेजस की रफ्तार को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. तेजस के कोच को ऐसे डिजाइन किया गया है, जिससे ये 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सके. लेकिन ये दौड़ेगी सिर्फ 110 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से.
रोलिंग स्टॉक के सदस्य रवींद्र गुप्ता से जब पूछा गया कि क्या ये 200 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से चल भी पाएगी? तो उन्होंने बाताय, ‘’अभी नहीं चल पाएगी क्योंकि अभी हम अपने ट्रैक को अपग्रेड कर रहे हैं.’’ तेजस को उसकी क्षमता वाली रफ्तार से क्यों नहीं चलाया जा रहा है इसकी पड़ताल में पता चला कि देश में रेल की पटरियां उस लायक ही नहीं है कि ट्रेन 200 की रफ्तार से चल सके. पटरी के अलावा मानसून, लैंड स्लाइड जैसे दूसरे कारण भी तेज स्पीड में बड़ी बाधा हैं.
रेल मंत्रालय के पूर्व सलाहकार सुनील कुमार का कहना है, ‘’तेजस में 200 किमी. तक की क्षमता कर दी गई है लेकिन वास्तविक तौर पर ट्रेन उसी गति से चलेगी जितना की ट्रैक उसको सपोर्ट कर पाएगा.’’
रेल विशेषज्ञों के मुताबिक, अधिक क्षमता वाला कोच बनाना आसान है लेकिन उस लायक पटरी को बनाना बेहद खर्चीला है. देश में अभी सिर्फ दिल्ली से आगरा रूट पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गतिमान एक्सप्रेस दौड़ती है. ऐसे में तेजस एक्सप्रेस भले ही सुविधाओं में अव्वल हो, लेकिन उसमें तेजी नहीं होगी.