नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का एलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राम जन्मभूमि के आसपास की 67.390 एकड़ अधिग्रहित भूमि भी राम मंदिर के ट्रस्ट को देने का एलान किया. ये भूमि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले विवादित 2.77 एकड़ जमीन से अतिरिक्त है.
आइए जानते हैं 67 एकड़ भूमि की पूरी कहानी-
याद रहे कि पिछले लोकसभा चुनाव से ऐन पहले भी केंद्र सरकार ने राम जन्मभूमि के आसपास की 67.390 एकड़ अधिग्रहित भूमि उनके मालिकों को लौटाने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था. तब केंद्र सरकार ने इस आवेदन में न्यायालय के 2003 के आदेश में सुधार का अनुरोध किया था.
बता दें कि अयोध्या में छह दिसंबर, 1992 से पहले 2.77 एकड़ के भूखंड के 0.313 एकड़ हिस्से में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा मौजूद था जिसे कारसेवकों ने गिरा दिया था. तभी केंद्र सरकार ने 1993 में एक कानून के माध्यम से 2.77 एकड़ सहित 67.703 एकड़ भूमि अधिग्रहित की थी. इसमें रामजन्म भूमि न्यास उस 42 एकड़ भूमि का मालिक था जो विवाद रहित थी और जिसका अधिग्रहण कर लिया गया था.
Ram Mandir: पीएम मोदी का संसद में बड़ा एलान, अधिग्रहित 67 एकड़ भूमि भी राम मंदिर ट्रस्ट को मिलेगी
सरकार के अधिग्रहण के कदम पर चला विवाद
सरकार के इस अधिग्रहण के कदम पर विवाद चला. लोग कोर्ट गए. तब सुप्रीम कोर्ट ने 2003 के अपने आदेश में 67 एकड़ अधिग्रहित भूमि सहित समूची भूमि के मामले में ‘यथास्थिति’ बनाये रखने का निर्देश दिया था. तब से ये भमि सरकार के पास थी. अब मोदी सरकार ने ये भूमि मंदिर के ट्रस्ट के देने का फैसला किया है.
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जानिए उस 67 एकड़ जमीन के बारे में सबकुछ, जो मोदी सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट को दी है
एबीपी न्यूज़
Updated at:
05 Feb 2020 12:20 PM (IST)
मोदी ने आज लोकसभा में राम जन्मभूमि के आसपास की 67.390 एकड़ अधिग्रहित भूमि भी राम मंदिर के ट्रस्ट को देने का एलान किया.
अयोध्या में छह दिसंबर, 1992 से पहले 2.77 एकड़ के भूखंड के 0.313 एकड़ हिस्से में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा मौजूद था जिसे कारसेवकों ने गिरा दिया था.
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