रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को दो दिन की आधिकारिक यात्रा पर भारत आ रहे हैं. माना जा रहा है कि इस अहम दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच एस-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर सौदे पर हस्ताक्षर हो सकते हैं. हालांकि, अमेरिका ने रूस के साथ बड़े रक्षा सौदों पर प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन माना जा रहा है कि भारत और रूस इस डील पर करार करने जा रहे हैं. बुधवार को रूस के राष्ट्रपति के सलाहकार ने मास्को में इस करार को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसको लेकर संकेत दिया.


कितने का है सौदा और क्या है खासियत




  • करीब 39 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे से भारत को दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल प्रणाली मिलने जा रही है.

  • एस-400 मिसाइल लंबी दूरी (लॉन्ग-रेंज) तक हवाई सुरक्षा करने में कारगर साबित होगी.

  • इस मिसाइल सिस्टम की दूरी करीब 400 किलोमीटर है.

  • ऐसे में अगर दुश्मन की मिसाइल हमारे किसी विमान या संस्थान पर हमले करने की कोशिश करेगी तो ये मिसाइल सिस्टम वक्त रहते ही उसे नेस्तनाबूद करने में सक्षम साबित होगी.

  • ये एंटी-बैलिस्टक मिसाइल है.यानि आवाज की गति से भी तेज रफ्तार से ये हमला बोल सकती है.


भारत ने अक्टूबर 2016 में रूस के साथ इंटर-गर्वमेंटल करार किया था जिसके तहत भारतीय वायुसेना को एस- 400 ट्रायम्फ मिसाइल की कुल पांच रेजीमेंट (फ्लाइट) मिलनी हैं. हर फ्लाइट में आठ लांचर हैं. हरेक लांचर में दो मिसाइल हैं. ये मिसाइल सिस्टम एक साथ मल्टी टारगेट को निशाना बना सकते है. यानि एक साथ दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और यूएवी को निशाना बना सकती है.


सीरिया और क्रीमिया में तैनत हैं ये मिसाइलें
खास बात ये है कि बुधवार को ही रूस ने एक और इस मिसाइल प्रणाली (एस-300) को सीरिया में तैनात किया है. क्योंकि हाल ही में सीरिया में रूस के एक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान को एक मिसाइल ने रहस्यमय तरीके से मार गिराया था. इस विमान में रूस के 14 सैनिक सवार थे. इस हमले मे सभी रूसी सैनिकों की मौत हो गई थी. इसके अलावा रूस ने क्रीमिया में भी इस मिसाइल को तैनात किया है.


गौरतलब है कि चीन ने भी इस मिसाइल सिस्टम की खूबी को देखते हुए हाल ही में रूस से इस प्रणाली को खरीदा है. भारत और रूस की इस डील से पाकिस्तान में खलबली मच गई है. रूस के साथ इस डील को लेकर भारत शुरुआत में संशय जताया जा रहा था. लेकिन हाल ही में हुए टू प्लस टू डायलॉग में भारत ने रूस के साथ हो रहे इस सौदे को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी थी.


गौरतलब है कि अमेरिका ने रूस के साथ किसी भी देश के हथियारों के सौदों को लेकर प्रतिबंध लगा रखे हैं. इसके लिए अमेरिका की संसद ने काटसा यानि काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस कानून पास कर रखा है. माना जा रहा है कि इसके बावजूद भारत और रूस एस-400 मिसाइल को लेकर करार कर सकते हैं. क्योंकि काटसा कानून भारत और रूस के बीच हुए करार के बाद पारित हुआ था.