नई दिल्ली: आज राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. देश के सबसे बड़े पद पर कौन बैठेगा इसका फैसला 20 जुलाई को हो जाएगा. उम्मीदवारों की बात करें तो एनडीए की ओर से रामनाथ कोविंद इस पद के लिए चुनावी मैदान में हैं, तो वहीं यूपीए ने कांग्रेस नेता और लोकसभा की स्पीकर रह चुकीं मीरा कुमार को अपनी ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है.


राष्ट्रपति पद का चुनाव सांसदों और विधायकों के चुनाव की तरह नहीं होता, यही वजह है कि इसकी प्रक्रिया लोगों को आसानी से समझ में नहीं आती, इसलिए एबीपी न्यूज अपने पाठकों के लिए इस चुनाव की पूरी प्रक्रिया को आसान लफ्जों में समझाने की कोशिश कर रहा है.


राष्ट्रपति चुनाव के लिए सबसे पहले उम्मीदवार को तय समय के भीतर चुनाव आयोग में अपना नामांकन भरना जरूरी होता है.


किस पद्दति से होता है राष्ट्रपति पद का चुनाव ?


हमारे देश में राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है, इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व वेटेज होता है.


नामांकन के लिए कितने प्रस्तावक हैं जरूरी ?


राष्ट्रपति पद का नामांकन भरने के लिए उम्मीदवार के पास मतदाताओं में से 50 प्रस्तावकों और उतने ही अनुमोदकों के हस्ताक्षर का होना जरूर होता है.


जमानत राशि कितनी भरनी पड़ती है ?


इस चुनाव में अपना नामांकन भरने के लिए उम्मीदवारों को चुनाव आयोग के पास अपने नामांकन पत्र के साथ 15000 रुपये जमानत राशि के तौर पर में जमा कराना होता है.


किसे है वोट देने का अधिकार?


राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के साथ-साथ देश के सभी विधानसभा और विधान परिषद के चुने हुए सदस्य वोट दे सकते हैं. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में नोमिनेटेड सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं होता है.


कैसे तय होता है प्रतिनिधियों के वोटों का वेटेज ?


लोकसभा और राज्यसभा के कुल सदस्यों की संख्या को मिला दिया जाए तो इसका आंकड़ा 776 पहुंच जाता है. यानि 776 सांसद इसमें वोट दे सकते हैं. इन सांसदों के पास कुल 5,49,408 वोट हैं, जबकि पूरे देश में 4120 विधायक हैं, जिनके पास 5,49, 474 वोट हैं. इस तरह कुल वोट 10,98,882 हैं और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5,49,442 चाहिए हाते हैं.


विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो उसकी 1971 की जनगणना के हिसाब से आबादी देखी जाती है. आबादी को चुने हुए विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है, अब जितना रिजल्ट आए उसकों 1000 से भाग किया जाता है. अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का मूल्य होता है.


सांसदों के वोटों की वेटेज का गणित अलग है. चुने हुए लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के वोटों का मूल्य फिक्स होता है. एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है.


UP के विधायकों के मतों का मूल्य है सबसे ज्यादा


राज्य विधानसभाओं में उत्तर प्रदेश के विधायकों का सर्वाधिक मत मूल्य 83,824 है. यह प्रति विधायक 208 मतों का आंकड़ा है. वहीं, सिक्किम विधानसभा में सबसे कम मत मूल्य 224 है और यह प्रति विधायक सात मतों का आंकड़ा है.


कब होगी वोटों की गिनती?


20 जुलाई को वोटों की गिनती होनी है.


कब होगा शपथ ग्रहण ?


25 जुलाई को शपथ ग्रहण समारोह होगा. देश के चीफ जस्टिस नए राष्ट्रपति को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे.