नई दिल्ली: बीजेपी नीत एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह आज राज्यसभा के उपसभापति चुन लिए गए. हरिवंश नारायण सिंह को 125 वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को महज़ 105 वोट ही मिले. हरिवंश का जन्म 30 जून 1956 को बलिया जिले के सिताबदियारा गांव में हुआ था. हरिवंश के लिए माना जाता है कि वह जेपी आंदोलन से खासे प्रभावित रहे हैं. हरिवंश ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए और पत्रकारिता में डिप्लोमा की पढ़ाई की और अपने कैरियर की शुरुआत टाइम्स समूह से की थी.
बैंक ऑफ इंडिया में भी की नौकरी
इसके बाद हरिवंश को साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग की जिम्मेदारी सौंपी गई. हरिवंश साल 1981 तक धर्मयुग के उपसंपादक रहे. इसके बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ उन्होंने साल 1981 से 1984 तक हैदराबाद और पटना में बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी की. साल 1984 में एक बार फिर हरिवंश ने पत्रकारिता में वापसी की और साल 1989 तक आनंद बाजार पत्रिका की सप्ताहिक पत्रिका रविवार में सहायक संपादक रहे.
साल 2014 में पहली बार संसद पहुंचे हरिवंश
90 के दशक में हरिवंश बिहार के एक बड़े मीडिया समूह से जुड़े, जहां पर उन्होंने दो दशक से ज़्यादा वक़्त तक काम किया. अपने कार्यकाल के दौरान हरिवंश ने बिहार से जुड़े गंभीर विषयों को प्रमुखता से उठाया. इसी दौरान वह नीतीश कुमार के करीब आए इसके बाद हरिवंश को जेडीयू का महासचिव बना दिया गया. साल 2014 में जेडीयू ने हरिवंश को राज्यसभा के लिए नामांकित किया और इस तरह से हरिवंश पहली बार संसद तक पहुंचे.
राजपूत जाति से आते हैं हरिवंश
हरिवंश के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने दिल्ली से लेकर पटना तक मीडिया में नीतीश कुमार की बेहतर छवि बनाने में बड़ा योगदान दिया है. हरिवंश राजपूत जाति से आते हैं और जानकारों की माने तो हरिवंश को उपसभापति का उम्मीदवार बनाकर एनडीए ने बिहार में राजपूत वोट बैंक को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है.
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