भारत में कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे है. 10 जून को संक्रमित मरीजों की संख्या 2,76,583 हो गई. जिसमे 7,745 मरीजों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई. लेकिन बुधवार को पहली बार एक्टिव केस यानी जिनका इलाज चल रहा है उनकी संख्या ठीक होने वाले मरीजों से कम थी. इसका मतलब यह हुआ कि देश में संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या भी बढ़ रही है.
भारत में कोरोना संक्रमण के केस तो बढ़ रहे है लेकिन साथ ही ठीक होने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. लॉकडाउन वन की शुरुआत से अनलॉक वन तक क्या थी ठीक होने की दर आपको बताते हैं...
- 25 मार्च को जब लॉकडाउन की शुरुआत हुई तो देश में रिकवरी रेट यानी संक्रमण से ठीक होने की दर 7.10% थी.
- दूसरे लॉक डाउन की शुरुआत में यानी 15 अप्रैल को 1306 मरीज ठीक हुए और रिकवरी रेट 11.42% थी.
- 3 मई को तीसरे लॉक डाउन की शुरुआत हुई और तब भारत में 10632 मरीज संक्रमण से ठीक हुए और रिकवरी रेट 26.59% था.
- 18 मई को चौथे लॉक डाउन के वक़्त देश में 36824 मरीज संक्रमण से ठीक ही और रिकवरी रेट 38.29% था.
- वहीं अनलॉक 1 में 10 जून को रिकवरी रेट बढ़कर 48.88% हो गया.
ये पहली बार है जब देश में संक्रमण से ठीक हुए मरीजों की संख्या एक्टिव केस यानी संक्रमित मरीजों की संख्या से ज्यादा है. 10 जून को भारत में एक्टिव केस 1,33,632 थे जबकि संक्रमण से ठीक होनेवालों की संख्या 1,35,205 हो गई.
वहीं बाकी देशों के मुकाबले भारत में रिकवरी रेट अच्छा है. मृत्यु दर की बात करे तो वो भी कम है. भारत में इस समय डैथ रेट यानी मृत्यु दर 2.80% है.