नई दिल्लीः  देश में जानलेवा कोरोना वायरस के कारण पिछले कई महीनों से स्थिति गंभीर बनी हुई है. बीते कई दिनों से रोज़ाना संक्रमण के 50 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं और संक्रमितों का आंकड़ा 20 लाख के करीब पहुंच गया है. आईसीएमआर ने कहा है कि देश में अब तक 2 करोड़ से अधिक कोरोना के टेस्ट हो चुके हैं. ऐसे में ये सवाल उठते हैं कि यह टेस्ट कैसे किया जाता है और इसकी प्रक्रिया क्या है. इस वायरस के टेस्ट में कौनसी किट काम में ली जाती है और इसकी फीस कितनी है.


कोरोना की जांच का तरीका


टेस्ट से जुड़े डॉक्टर्स के अनुसार, कोरोना वायरस के नाक और गले में मौजूद होने की संभावना सबसे अधिक होती है. यहीं से स्वैब के माध्यम से कोशिकाओं को लेकर ऐसे सॉल्यूशन में डालते हैं जिससे वे रिलीज हो जाएं. फिर सैंपल के जेनेटिक मैटेरियल को कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड से मिलाया जाता है.


रिपोर्ट में लगने वाला समय


आईसीएमआर के एक्सपर्ट्स के अनुसार रियल टाइम पीसीआर से नमूनों का परीक्षण करने में 2 घंटे तक का समय लग सकता है. आमतौर पर सैंपल लेने से रिपोर्ट आने में लगभग 24 घंटे लग जाते हैं. हालांकि, यह समय कभी-कभी कम-ज्यादा भी हो जाता है.


कोरोना टेस्ट में इस्तेमाल होने वाली किट


कोरोना के टेस्ट के लिए आईसीएमआर द्वारा निर्धारित कई किट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. इनमें स्टैंडर्ड क्यू कोविड-19 एजी डिटेक्शन किट, ह्यूमन आईजीजी एलिसा, एलजीएम डिटेक्शन किट, एबचेक कोविड-19 एचजीएम, मेकश्योर कोविड-19 रेपिड टेस्ट, इम्यूनो क्विक रैपिड टेस्ट फॉर डिटेक्शन ऑफ कोरोना वायरस और स्टैंडर्ड क्यू कोविड-19 एंटीजन डिटेक्शन किट आदि को उपयोग में लिया जा रहा है.


टेस्ट की कीमत


कोरोना के टेस्ट की कीमत आईसीएमआर ने तय की है. इनके अनुसार आरटी-पीसीआर टेस्ट 740-1150 के बीच  और रैपिड टेस्ट 528-795 रुपए के बीच होना चाहिए. लेकिन कई जगहों पर कुछ प्राइवेट लैब्स के 2200 से लेकर 4500 रुपए तक वसूलने की खबरें आती रही हैं.


यह भी पढ़ें-


महाराष्ट्र में जारी है कोरोना का कहर, बीते एक दिन में हुई 316 मरीज़ों की मौत


 Coronavirus: मणिपुर में 15 अगस्त तक जारी रहेगा संपूर्ण लॉकडाउन और कर्फ्यू