नई दिल्ली: चुनावी साल में मोदी सरकार ने बजट में टैक्स देने वाले नौकरीपेशा पेशा और मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है. जिन लोगों की आमदनी सालाना पांच लाख रुपये है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा, हालांकि इससे ऊपर की आमदनी वालों के लिए टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है. अब तक 2.5 लाख की आय के ऊपर टैक्स देना पड़ता था. वित्त मंत्री के इस बड़े एलान के साथ लोकसभा में 'मोदी-मोदी' के नारे लगे. वैसे तो व्यवहारिक तौर पर अगर आपकी आमदनी 6.5 लाख रुपये है तो भी आपको टैक्स नहीं देने पड़ेगे, क्योंकि अगर आप 1.5 रुपये का निवेश करते हैं तो आपको 6.5 लाख की आय में छूट मिल सकती है.
बजट 2014, 2015 और 2016
आपको बता दें कि 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही टैक्स स्लैब में बदलाव किये थे. तब वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पहले बजट में आयकर दरों में कोई बदलाव किये बिना ढाई लाख रुपये की सालाना आय को करमुक्त कर दिया था. पहले दो लाख रुपये की आय करमुक्त थी. साथ ही 60 से 80 साल तक के वरिष्ठ नागरिकों की तीन लाख रुपये और 80 साल या इससे अधिक आयु के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं लगाने की घोषणा की थी. 2015 के बजट में मोदी सरकार ने इनकम टैक्स छूट सीमा में कोई बदलाव नहीं किये थे. 2016 में भी आयकर स्लैब और टैक्स में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था.
बजट 2017
आम बजट 2017 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर दाताओं को खुशखबरी दी थी. अरुण जेटली ने ढ़ाई लाख रुपये और पांच लाख रुपये के बीच की आय वाले करदाताओं के लिए टैक्स को 10 प्रतिशत से पांच प्रतिशत कर दिया था. वहीं 5 लाख 1 रुपए से 10 लाख रुपए तक टैक्स को 20 प्रतिशत और 10 लाख 1 रुपए से अधिक पर 30 प्रतिशत टैक्स कर दिया गया था.
बजट 2018
आम बजट 2018 में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2018-19 में व्यक्तिगत आयकर में कोई बदलाव नहीं किया. छूट की सीमा पहले की तरह ही ढ़ाई लाख रुपए रखा गया.