नई दिल्ली: आज से घरेलू उड़ान सेवा शुरू हो चुकी है. यात्रा करने के लिए एबीपी न्यूज़ की टीम सुबह तीन बजे ही घर से निकली. हालांकि फ्लाइट सुबह 6.35 की थी लेकिन नए नियमों के मुताबिक कम से कम 2 घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचना जरूरी था. इसी को ध्यान में रखते हुए एबीपी न्यूज़ की टीम चार बजे से पहले यानी यात्रा से करीब दो घंटे 45 मिनट पहले ही एयरपोर्ट पहुंच गई.


एयरपोर्ट पहुंचने के बाद बाहर ही लगी स्कैन एंड फ्लाई मशीन से हमने बोर्डिंग पास लेने की कोशिश की लेकिन तकनीकी दिक्कत के चलते वो नहीं मिल पाया. इस बीच एयरलाइन कर्मचारी ने हमको बताया कि क्योंकि हमारा वेब चेक इन है इस वजह से हम अंदर से ही बोर्डिंग पास ले सकते हैं. लेकिन यहां ये बताना जरूरी है कि अंदर जाने के लिए वेब चेक इन जरूरी है. अगर किसी ने नहीं किया है तो बाहर ही एयरलाइन्स कर्मचारी उसमें मदद करेंगे.


सुरक्षा कर्मी पूरी सावधानी बरतते हुए आए नजर
इसके बाद जब हम आगे बढ़े तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते अंदर जाने की अनुमति थी. इस दौरान पहले सामान को सैनिटाइज किया गया और उसके बाद हमारा पहचान पत्र और टिकट देखा गया. इस दौरान भी सुरक्षा कर्मी पूरी सावधानी बरतते हुए नजर आए. अब सुरक्षा कर्मी टिकट और पहचान पत्र हाथ में लेकर नहीं बल्कि एक कांच की दीवार के पीछे खड़े होकर देख रहे थे.


एयरलाइन कर्मचारी ने भी बरती सावधानी
अंदर पहुंचने के बाद जब कीओस्क मशीन से बोर्डिंग पास नहीं निकल पाया किसी तकनीकी दिक्कत के चलते तब हमने काउंटर से बोर्डिंग पास लिया. इस दौरान जो एयरलाइन कर्मचारी काउंटर पर मौजूद थीं उन्होंने भी पूरी एहतियात और सावधानी बरती. क्योंकि हमको कोई बैग बैगेज में नहीं देना था इस वजह से हमको बैग पर लगेज टैग लगाने की जरूरत नहीं पड़ी. लेकिन जिसको भी बैगेज में बैग डालना था उन्होंने या तो खुद लगेज टैग लगाया या फिर अपना नाम और पीएनआर नंबर लिखकर अपने बैग पर लगा दिया.


सोशल डिस्टेंसिंग का रखा जा रहा है ख्याल
बोर्डिंग पास मिलने के बाद हम सुरक्षा जांच के लिए आगे बढ़े. यहां पर भी बड़ा अंतर देखने को मिला. अब सुरक्षा कर्मी पहले की तरह हाथ से यात्री की जांच नहीं कर रहे अब मेटल डिटेक्टर को एक रॉड में लगाकर जांच की जा रही है. इस दौरान जिस ट्रे में सामान रखकर स्कैनिंग के लिए भेजा जा रहा था उसको भी पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया था और सुरक्षा जांच के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. इसके साथ ही बोर्डिंग पास पर स्टैम्प नहीं लगाया गया बल्कि कंप्यूटर के जरिए ही ओके कर आगे जाने की अनुमति मिल गयी.


एयरपोर्ट पर कम यात्री आए नजर
इस दौरान तस्वीर पहले से बिल्कुल अलग दिखी. दिल्ली एयरपोर्ट जो दुनिया के व्यस्त एयरपोर्ट में से है यहां पर बहुत कम यात्री ही एयरपोर्ट पर नजर आ रहे थे. दुकानें भी खाली थी और एयरपोर्ट भी. वजह ये भी है कि एक तो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें चल नहीं रहीं दूसरा घरेलू उड़ानें भी 1/3 ही चल रही हैं.


एयरपोर्ट के अंदर जगह जगह यात्री सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं वो भी बिना छुए हुए और पानी भी पीने के लिए हाथ का इस्तेमाल नहीं करना होगा. बल्कि पांव से लीवर दबाकर ऊपर नल से पानी पी सकते हैं.


यात्रियों ने लगा रहा था फेस मास्क
इसके अलावा जो एक अच्छी तस्वीर कही जा सकती है कि लोग भी जागरूक नजर आये जो पूरी सावधानी बरतते हुए प्लेन के अंदर जाने के लिए तैयार थे. यात्री फेस मास्क, और दस्तानों से लेकर फेस शील्ड तक का इस्तेमाल करते हुए नजर आये.


अनाउंसमेंट के जरिए लोगों से अपील- सावधानी बरतें
इतना ही नहीं जो लोग बोर्डिंग के इंतजार में बैठे भी थे वो भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे. इसी को ध्यान में रखते हुए उसी तर्ज पर सीटिंग अरेंजमेंट किया गया है. इसके बाद जब बारी आई बोर्डिंग गेट से अंदर जाने की तो वहां पर भी लगातार अनाउंसमेंट के जरिए लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा था. इतना ही नहीं जो भी यात्री बोर्डिंग के लिए अंदर जा रहे थे उनको मास्क, सैनिटाइजर और फेस शील्ड भी एयरलाइन्स की तरफ से ही मुहैया कराई जा रही थी.


इसके बाद बारी थी बोर्डिंग गेट से अंदर जाने की और विमान में बैठने की तो वहां पर भी एयरलाइन का स्टाफ और सुरक्षाकर्मी पूरी सावधानी बरतते हुए दिखे. यहां तक कि कोशिश यही थी कि किसी भी यात्री का बोर्डिंग पास एयरलाइन स्टाफ खुद ना छुए और यात्री खुद ही उसको स्कैनर से स्कैन कर विमान की तरफ आगे बढ़े.


एयर होस्टेस पूरी तरह से पीपीई किट में दिखीं
इसके बाद बारी थी विमान में बैठने की तो यहां पर भी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया. विमान में अंदर जाने के लिए एक बार फिर बोर्डिंग पास को दूर से ही देखा गया और अंदर सीट पर बैठने को बता दिया गया. विमान के अंदर की बात की जाए तो यहां पर एयरलाइन स्टाफ और एयर होस्टेस पूरी तरह से पीपीई किट में दिखीं और उसके साथ ही फेस मास्क, दस्ताने और फेस शील्ड का भी इस्तेमाल किया जा रहा था. पीने के लिए पानी की बोतल पहले ही दे दी गयी और साथ ही अनाउंसमेंट के जरिए जानकारी भी की यात्रा के दौरान कुछ भी खाना पीना उपलब्ध नहीं होगा.  इस दौरान लगातार लोगों से सावधानी बरतने के लिए याद दिलाया जाता रहा.


पटना पहुंचते ही लोगों ने नहीं रखा सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल
इस तरह से करीब 1 घंटा 10 मिनट का सफर कर हमारी टीम पहुंच गई पटना. लेकिन इस सब के बीच जो एक बात खटकी वह थी जब फ्लाइट लैंड हुई तो यात्री सब एक साथ ही बाहर निकलने के लिए खड़े हो गए और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना भूल गए. हालांकि पटना एयरपोर्ट में अंदर से लेकर बाहर तक वही सब सावधानी देखने को मिली जैसी की दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान में बैठने के दौरान दिखी थी.


यानी कुल मिलाकर हवाई यात्रा का अनुभव पहले से अब बहुत बदल गया है. एयरपोर्ट में दाखिल होने से लेकर बाहर निकलने तक अब जगह जगह एहतियात और सावधानी बरती जा रही है. एयरलाइन्स स्टाफ से लेकर सुरक्षाकर्मी और यात्री तक कमोवेश इसका पालन करते हुए भी दिख रहे हैं. विमान में बैठने और सफर करने का अनुभव भी बदल गया है. तो अब अगर आप भविष्य में हवाई यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो इन बदलावों के साथ यात्रा करने की तैयारी कर लीजिए. क्योंकि सावधानी में ही बचाव है और इसी तरह से कोरोना को हराया जा सकता है.


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