जानिए आर्थिक रूप से कमजोर ट्रांसजेंडर मंजम्मा जोगाठी ने कैसे तय किया पद्म पुरस्कार तक का सफर
इस साल पद्म अवार्ड से सम्मानित होने वालों की लिस्ट में कर्नाटक की एक ट्रांसजेंडर का नाम भी शामिल है. मंजम्मा जोगाठी को इसबार पद्म श्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया. मंजम्मा कई सालों से आर्थिक तंगी से गुज़र रही हैं. हालांकि, कला के क्षेत्र में उन्होंने जो प्रयास किए वे तारीफ योग्य हैं.
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इस साल पद्म अवार्ड से सम्मानित होने वालों की लिस्ट में कर्नाटक की एक ट्रांसजेंडर का नाम भी शामिल है. मंजम्मा जोगाठी को इसबार पद्म श्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया. मंजम्मा कई सालों से आर्थिक तंगी से गुज़र रही हैं. हालांकि, कला के क्षेत्र में उन्होंने जो प्रयास किए वे तारीफ योग्य हैं.
ट्विटर पर एक ट्वीट के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी इंसान छोटा या बड़ा नहीं होता. कला को पहचान दिलाने वाला हर आदमी आर्टिस्ट है. मेरे लिए आर्ट ही जिंदगी है और मैं कला से जुड़े काम कर के बेहद खुश हूं."
मंजम्मा जोगाठी का असली नाम मंजूनाथ शेट्टी है. ये नाम उनके माता-पिता ने दिया था. जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ी, उन्हें एहसास हुआ कि उनमें एक और औरत छुपी है. इसके बाद मंजम्मा एक ट्रांसजेंडर कम्युनिटी से जुड़ीं. साल 2009 में आई मराठी फिल्म 'जोगवा' को नेशनल अवार्ड मिला और तभी से मंजम्मा लाइमलाइट में आईं.
कला के क्षेत्र में बनाई अपनी अलग पहचान
अपनी सभी परेशानियों और कठिनाइयों के बीच उन्होंने कई कलाओं में महारत हासिल की. मंजम्मा की इसी कला के चलते लोग उन्हें बखूबी जानते हैं. जोगाठी ने हर कदम पर अपने आप को मजबूत बनाया और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की भी सहायता की. उन्होंने कला के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई और उसे में महारत हासिल की. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, "आर्थिक रूप से पिछड़ने के बाद भी मैंने अपना मनोबल ऊंचा रखा. मैंने कला को ही अपना भगवान माना और दिन-रात उसकी आराधना की." उन्होंने साथ ही कहा, "कला आपको बहुत दूर तक ले जाने और आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है."
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