नई दिल्ली: भारत दुनिया में सबसे ज्यादा सोना रखने वाले देश में से एक है. यहां हर घर में सोना मिल जाएगा. शादी विवाह से लेकर पूजा-पाठ तक में लोग सोने का इस्तेमाल करते हैं. महंगा होने के बावजूद लोग भारी मात्रा में सोना रखते हैं. लेकिन जरा सोचिए कि अगर कभी आपका सोना नकली निकल गया तो आप क्या कर पाएंगे? इससे बचने के लिए यह जरुरी है कि आपके पास सोने की सही पहचान होनी चाहिए.


ग्राहकों की रक्षा के लिए सरकार ने सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्क अनिवार्य कर दिया है. हॉलमार्क से न सिर्फ सोने की गुणवत्ता बरकरार रहती है बल्कि इससे ग्राहकों के अधिकारों की भी रक्षा होती है.


आइए आपको बताते हैं कि शुद्ध सोने की पहचान कैसे करें.




  1. आईएसआई मार्क की तरह सोने पर हॉलमार्क का निशान होता है जो कि ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड द्वारा दिया जाता है.

  2. आभूषण सुनार द्वारा हॉलमार्क नहीं किया जाता है बल्कि एक खास किस्म की लैबोरेटरी में इसकी हॉलमार्किंग की जाती है.

  3. ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) से लाइसेंस प्राप्त सुनार/जौहरी ही शुद्ध हॉलमार्क लगा हुआ सोना दे सकते हैं.

  4. हॉलमार्किंग से आभूषण का दाम बढ़ता नहीं है क्योंकि हॉलमार्क लगाने में सिर्फ 25 रूपये लगते हैं.

  5.  जिस पर हॉलमार्क लगा हुआ होता है, इसका मतलब ये नहीं होता कि वो 22 कैरेट सोना है. हॉलमार्क आभूषण कई सारे कैरेट में मौजूद हैं.

  6. ये भी ध्यान रखिए कि किसी भी आभूषण की तुरंत हॉलमार्किंग नहीं की जाती हैं. ऐसे जौहरियों से सावधान रहें जो ये कहते हैं कि अभी हॉलमार्क लगा के दे देते हैं.




नोट: याद रखें कि सोना जितना ज्यादा कैरेट होगा, उसकी माप उतनी ही ज्यादा होगी.

23 कैरेट सोना:- 958

22 कैरेट सोना:- 916

21 कैरेट सोना:- 875

18 कैरेट सोना:- 750

17 कैरेट सोना:- 708

9 कैरेट सोना:- 375