नई दिल्लीः भारत में आधार कार्ड को पहचान पत्र के तौर पर मान्यता मिली है. आज किसी भी नागरिक को पहचान के रूप में आधार कार्ड की आवश्यकता पड़ रही है. बूढे हो या छोटे, सभी के लिए आधार जरूरी हो गया है. देश में कई सेवाओं की सुविधा पाने के लिए आधार कार्ड का होना आवश्यक हो गया है. बच्चों के स्कूल में एडमिशन से लेकर मिड-डे मील संबंधी प्रावधानों तक के लिए जरूरत पड़ती है.


पांच साल से छोटे बच्चे के आधार को बाल आधार भी कहा जाता है. ये नीले रंग का होता है. ये बनवाने के लिए बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र ​की जरूरत होगी. बाल आधार के लिए बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया जाता है. लेकिन, जब उसकी उम्र 5 साल से अधिक हो जाती है तो बायोमेट्रिक डेटा लिया जाता है और उसके 15 साल का होने पर बायोमेट्रिक डेटा अपडेट कराना होता है. इसके बाद यही डेटा फाइनल माना जाएगा.


अगर बच्चे की उम्र 5 साल से ज्यादा है तो आवेदन के दौरान बायोमेट्रिक डेटा लिया जाता है और 15 साल की उम्र के बाद इसे अपडेट कराया जाता है. इस दौरान आवेदन के समय स्कूल का आईडी या ग्राम प्रधान या सभासद का लेटर हेड भी चाहिए होगा.


कैसे करें आवेदन




  • सबसे पहले नजदीकी आधार एनरोलमेंट सेंटर या आधार सेवा केंद्र पर जाइए, यहां एनरोलमेंट फॉर्म भरें

  • सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स के साथ ये फॉर्म सबमिट कर दें

  • अगर बच्चा 5 साल से ज्यादा का है, तो उसका बायोमेट्रिक रिकॉर्ड किया जाएगा

  • आपको एक एनरोलमेंट स्लिप दी जाएगी, यहां आपकी एनरोलमेंट आईडी लिखी होगी

  • एनरोलमेंट के 90 दिनों के भीतर आधार कार्ड घर पर पोस्ट के जरिए आ जाएगा


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