Dy CM Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र (Maharashta) के सियासी घमासान में आखिर जीत बागी विधायकों की हुई. लेकिन इस लड़ाई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) को सत्ता गंवा बैठे उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से कम नुकसान नहीं पहुंचा है. देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में राजनीतिक हैसियत से दूसरे नंबर के नेता हो चुके हैं. देवेंद्र फडणवीस ने शुरूआत में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम का समर्थन करते हुए सरकार से बाहर रहकर समर्थन देने की बात कही, लेकिन बाद में बीजेपी आलाकमान के निर्देश पर उन्होंने डिप्टी सीएम का पद स्वीकार किया.
हालांकि पहले कहा जा रहा था कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे और शिवसेना के बागी विधायकों का समर्थन भी उनको हासिल था. फिर अचानक से फडणवीस स्वयं मुख्यमंत्री के लिए एकनाथ शिंदे के नाम का एलान करते हैं. इस घटना के बाद एकनाथ शिंदे का नाम उस सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने छोटी पार्टी होते हुए भी मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. आइए आपको बताते हैं कि एकनाथ शिंदे से पहले किन राज्यों के नेताओं ने प्रदेश में संख्या बल कम होने के बावजूद मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
नीतीश कुमार (बिहार)
इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) बेहद भाग्यशाली रहे हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं, जबकि उनकी सहयोगी जेडीयू (JDU) केवल 43 सीटें ही जीत पाई थी. इस चुनाव में जेडीयू को 28 सीटों को नुकसान हुआ था. बीजेपी को जेडीयू के 31 सीटें ज्यादा मिली थी. एनडीए (NDA) गठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव में 125 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा प्राप्त कर लिया था. बावजूद इसके बीजेपी (BJP) ने बिहार में नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया. जिसके बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली.
कुछ ऐसा ही 2015 के विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला था, जब नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर अपने विरोधी आरजेडी (RJD) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा. 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू को उनके तब के सहयोगी आरजेडी से कम सीटें मिली थीं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बने थे. चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी के खाते में 71 सीटें आई थी, जबकि उनकी सहयोगी दल आरजेडी ने 80 सीटों पर कब्जा किया था. बावजूद इसके नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया गया और तेजस्वी प्रसाद (Tejaswi Prasad) डिप्टी सीएम बने.
कुमारस्वामी (कर्नाटक)
कर्नाटक (Karnataka) में कुल 224 विधानसभा सीटें हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में 104 सीटें जीतकर बीजेपी (BJP) सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) सीएम बन गए थे, लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण महज ढाई उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. जिसके बाद चुनाव में 78 सीट जीतने वाली कांग्रेस (Congress) ने 37 सीट जीतने वाली जेडीएस (JDS) के साथ मिलकर कर्नाटक में सरकार बनाई थी और एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) मुख्यमंत्री बने थे. चुनाव में कांग्रेस ने जेडीएस के मुकाबले लगभग दोगुनी सीटें हासिल की थी बावजूद इसके कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद के लिए कुमारस्वामी के नाम का समर्थन किया. जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री तो कांग्रेस के जी परमेश्वर ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली.
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