नई दिल्लीः किसी भी सरकारी नौकरी पाने वाले युवाओं की चाहत होती है कि वह सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करे. छात्रों की कोशिश होती है कि इस परीक्षा को पास कर वह एक अधिकारी के तौर पर देश के शीर्ष पद पर पहुंचे. साल में एक बार आयोजित होने वाली इस परीक्षा में देश भर के लाखों छात्र फॉर्म भरते हैं और परीक्षा में शामिल होते हैं. लेकिन, मुठ्ठी भर लोग ही परीक्षा पास कर पाते हैं. दो लिखित परीक्षा प्रीलिम्स और मेंस के अलावा सफल छात्रों को एक इंटरव्यू भी पास करना होता है. जिसके बाद मेरिट में जगह बनाने के बाद इनका चुनाव इन पदों के लिए होता है.
यूपीएससी की ओर से आयोजित इस परीक्षा में सफल छात्रों को मेरिट के आधार पर रैंक बांटे जाते हैं. मेरिट के हिसाब से सफल छात्रों को अलग-अलग सर्विसेस के लिए चुना जाता है. छात्रों की पहली पसंद आईएएस, दूसरी आईपीएस और तीसरी आईएफएस होती है.
सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर ये छात्र न सिर्फ A ग्रेड अधिकारी बनते हैं बल्कि सरकार की ओर से इन्हें मोटी सैलरी भी मिलती है. इन अधिकारियों को सैलरी के अलावा सरकारी घर और तमाम तरह के भत्ते भी मिलते हैं.
क्या है योग्यता
सिविल सर्विसेज की परीक्षा में फॉर्म भरने के लिए कम से कम ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. अगर आप ग्रेजुएशन अंतिम सत्र के छात्र हैं तो भी आप फॉर्म अप्लाई कर सकते हैं. यूपीएससी में अप्लाई करने के लिए विषय की कोई वाध्यता नहीं है.
यूपीएससी दो चरण लिखित परीक्षा लेती है. पहला चरण प्री पास करने के बाद मेन्स में बैठने की इजाजत दी जाती है. मेन्स परीक्षा पास करने के बाद छात्रों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. इसे पास करने के बाद छात्रों के लिए मेरिट तैयार होता है.
मेरिट के आधार पर छात्रों को अलग अलग सर्विसेज दी जाती है. सिविल सर्विसेज के तहत आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस सहित 24 तरह के सर्विसेज आते हैं. टॉप रैंक के छात्र अपने पसंद के सर्विसेस का चुनाव कर सकते हैं.
कितनी होती है सैलरी
यूं तो सिविल सर्विसेज के तहत हासिल सभी रैंक पर आकर्षक सैलरी दी जाती है. सिविल सर्विसेज पास छात्रों को ज्वानिंग के बाद सैलरी करीब 50 हजार रुपये प्रति महीने मिलती है. यह सैलरी बढ़कर शीर्ष (कैबिनेट सचिव) पद तक पहुंचते पहुंचते 2 लाख 50 हजार रुपये तक जाती है.
इसके अलावा इन अधिकारियों को भी पीएफ, ग्रैच्युटी, हेल्थकेयर सर्विसेज, सर्विस क्वार्टर, परिवहन, घरेलू कर्मचारी, अध्ययन की छुट्टियां समेत कई अन्य तरह की सुविधाएं दी जाती है.
क्या करते हैं काम
IAS (इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) यूपीएससी की परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस बनाया जाता है. सरकार की ओर से पास किए गए कानून को ये अधिकारी अपने जिले या संबंधित क्षेत्र में लागू करवाते हैं. ये अधिकारी कई स्तर पर सरकार के सथ मिलकर नीतियों को भी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
IPS (इंडियन पुलिस सर्विस) इस सर्विसेज के तहत अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम करता है. इन अधिकारियों का काम होता है कि सरकार की ओर से बनाए गए कानून का लोग सही तरीके से पालन करें.
IFS (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस) आईएफएस विदेशी मामलों को लेकर काम करते हैं और विदेश मंत्रालय में अपनी सेवाएं देते हैं. आईएफएस अधिकारी यूपीएससी क्लियर करने के तीन साल की ट्रेनिंग के बाद आईएफएस ऑफिसर बनते हैं. आईएफएस अधिकारी डिप्लोमेसी से जुड़े मामलों में काम करते हैं और द्विपक्षीय मामलों को हैंडल करते हैं.
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