नई दिल्ली: जैसे ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को लेकर बात आती है तो हमारी आंखों के सामने दलालों से भरा RTO ऑफिस नज़र आने लगता है. अगर आप बिना लाइसेंस के गाड़ी या बाइक चलाते हैं तो यह गैर कानूनी है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं बेहद आसान स्टेप्स जिसके माध्यम से आप बहुत ही आसानी से अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकते हैं.


ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आपको सबसे अपने नजदीकी RTO ऑफिस में जाकर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करना होगा. इसके लिए आपके पास हाल ही में खींची गई 4 पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, रेजिडेंस प्रूफ, एज प्रूफ और फिजिकल फिटनेस का सेल्फ डिक्लरेशन होना जरूरी है. आपको यह सभी कागज़ात नोटरी से अटेस्ट कराने होंगे.


रेजिडेंस प्रूफ के तौर पर आप वोटर आईडी कार्ड, रार्शन कार्ड, पासपोर्ट, बिजली बिल, पानी बिल, बैंक की पासबुक जिस पर पता लिखा हो, MTNL, BSNL का फोन बिल, का इस्तेमाल कर सकते हैं.


एज प्रूफ के लिए 10 वीं क्लास का सर्टिफिकेट, बर्थ सर्टिफिकेट, पैन कार्ड और CGSH कार्ड मान्य होता है. 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक LMV (लाइट मोटर व्हीकल के लिए) कैटिगरी के ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है.


लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए सभी बताए गए जरुरी कागजात को फॉर्म नम्बर 1,2 और 3 के साथ भर कर RTO ऑफिस में जमा करवा दें.


फॉर्म जमा करने के बाद आपका एक टेस्ट होगा. यह टेस्ट ट्रैफिक नियमों से संबंधित होता है. टेस्ट पास करने के बाद आपको लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस दे दिया जाएगा. यह लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस 6 महीनों तक मान्य रहता है.


लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस मिलने के एक महीने बाद आप अपने लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस को RTO ऑफिस में जमा करवा सकते हैं. लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस को जमा करवाने के बाद आपका ड्राइविंग टेस्ट लिया जाएगा इस टेस्ट को पास करने के बाद आपका पर्मानेंट ड्राइविंग लाइसेंस आपके पते पर स्पीड पोस्ट से भेज दिया जाएगा.


लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस मिलने के बाद आपके पास ड्राइविंग सीखने के लिए अधिकतम 6 महीने का समय होता है. अगर आपने 6 महीने में ड्राइविंग सही तरीखे से नहीं सीखी तो आपका लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस रद्द हो जाएगा.