In Details: जानिए- पूर्वी लद्दाख की उस गलवान घाटी को जहां भारत के 20 जवान शहीद हो गए
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. इस झड़प में चीन के 43 सैनिक भी हताहत हुए हैं.
नई दिल्ली: लद्दाख के पास स्थित गलवान घाटी विवादित क्षेत्र अक्साई चीन में है. वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC अक्साई चीन को भारत से अलग करती है. अक्साई चीन को विवादित क्षेत्र इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस पर भारत और चीन दोनों ही अपना दावा करते हैं. ये घाटी चीन के दक्षिणी शिनजियांग और भारत के लद्दाख़ तक फैली है. गलवान नदी के पास होने के कारण इस इलाके को गलवान घाटी कहा जाता है.
गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद
पिछले तई दिनों से गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा हुआ था. 16 जून को अचानक खबर आई कि यहां भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें भारत के एक कर्नल समेत तीन जवान शहीद हो गए. वहीं चीन के भी कुछ सैनिकों के हताहत होने की खबर थी. इसके बाद 16 जून को रात के वक्त सेना ने एक बयान जारी कर बताया कि गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. वैसे चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर है.
भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है गलवान घाटी?
JNU के पूर्व प्रोफेसर और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार एसडी मुनि बताते हैं कि गलवान घाटी भारत के लिए सामरिक रूप से काफी अहम है. क्योंकि ये पाकिस्तान, चीन और लद्दाख की सीमा के साथ जुड़ा हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि 1962 की जंग के दौरान भी गलवान घाटी जंग का प्रमुख केंद्र रहा था.
गलवान घाटी को अपने नियंत्रण में करना चाहता है चीन
ऐसा माना जा रहा है कि चीन अब पूरी गलवान घाटी को अपने नियंत्रण में करना चाहता है. चीन का मानना है कि अगर भारत यहां निर्माण कर लेता है तो रणनीतिक तौर परर गलवान घाटी में अपनी मज़बूत स्थिति बना लेगा. हालांकि, अब भी भारत सरकार का कहना है कि गलवान घाटी समेत पूरे लद्दाख में निर्माण कार्य जारी रहेगा.
गलवान नदी के इस क्षेत्र में चीन को तिरंगा दिखाने के लिए भारत ने कुछ चौकियों का निर्माण किया था. हालांकि, 2016 में खबर आई कि चीन ने भी गलवान घाटी के मध्य बिंदु तक पक्की सड़क बना ली है. इसके साथ ही उसने गलवान घाटी के आस-पास के क्षेत्र में कई चौकियों का निर्माण भी कर लिया. बता दें कि यहां से कुछ दूरी पर चीन का एक बड़ा बेस भी है. 1962 की जंग के बाद से चीन इस इलाके में निष्क्रिय रहा था, लेकिन पिछले चार से पांच सालों में चीन एक बार फिर गलवान घाटी में सक्रिय हो गया है.
चीन ने भारत पर लगाया था तनाव का आरोप
पिछले कई दिनों से गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच तनाव की खबरें सामने आ रही थीं. हालांकि, चीन ने इस तनाव की वजह भारत को बताया था. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में कहा गया, "भारत ने इस इलाके में रक्षा संबंधी कई गैर-कानूनी निर्माण किए हैं. इसकी वजह से ही चीन को वहां अपने सैनिक तैनात करने पड़े थे. चीन ने भारत पर आरोप लगाया था कि कोरोना से मुद्दा भटकाने के लिए उसने गलवान घाटी में तनाव पैदा किया."
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