राम मंदिर: 5अगस्त को पीएम मोदी के साथ भूमि पूजन में कौन कौन जाएगा अयोध्या?
सूत्रों के मुताबिक भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन ठीक गर्भ ग्रह वाले स्थान पर होगा. गर्भ गृह उसी टीले पर, ठीक उसी स्थान पर बनाया जाएगा, जहां अब से कुछ महीने पहले तक श्री रामलला विराजमान स्थापित थे.
नई दिल्ली: राम मंदिर के भूमि पूजन की तारीख 5 अगस्त को तय हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. राम मंदिर निर्माण का काम अगस्त के पहले हफ़्ते से शुरू हो जाएगा. राम मंदिर के लिए विश्व हिंदू परिषद के प्रस्तावित मॉडल में हल्का बदलाव भी किया जाएगा. कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम में सीमित लोग ही शामिल हो पाएंगे.
कौन कौन शामिल होगा भूमि पूजन कार्यक्रम में? कोरोना संकट के चलते भूमि पूजन कार्यक्रम को बेहद सीमित रखा गया है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सरसंघ चालक मोहन भागवत, बीजेपी के सीनियर लीडर लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार और साध्वी ऋतंभरा शामिल होंगी.
बता दें कि 90 के दशक में राम मंदिर को लेकर जमकर राजनीति हुई थी. उस बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर बनवाने के लिए रथ.ात्रा भी निकाली थी. इस रथ यात्रा में आडवाणी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर हिस्सा लिया था.
इसके अलावा कार्यक्रम में मेजवान के तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे. साथ ही देशभर से प्रमुख साधु संत भी भूमिपूजन के इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इसके साथ ही पूरे कोरोना महामारी के चलते कार्यक्रम में सिर्फ 100 से 150 लोग ही शामिल होंगे.
पांच अगस्त की तारीख ही क्यों? श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की शनिवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगस्त के पहले हफ़्ते की 2 तारीखें दी गई थी. एक तीन अगस्त और दूसरी पांच अगस्त. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से पांच अगस्त की तारीफ फाइनल की गई. अब 5 अगस्त को पूर्णिमा के दिन भूमि पूजन किया जाएगा.
माना जा रहा है कि पांच अगस्त की तारीख चयन के पीछे धार्मिक के साथ साथ राजनीतिक कारण भी है. दरअसल पिछले साल पांच अगस्त को ही जम्मू कश्मीर से मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म किया था. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को तीन हिस्सों में बांट दिया था. यही वजह है कि पांच अगस्त की तारीख को बीजेपी बेहद महत्वपूर्ण नजरों से देख रही है.