जम्मू: हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा एक पवित्र यात्रा है. हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अमरनाथ गुफा का दर्शन करते हैं. जम्मू-कश्मीर के तनाव भरे माहौल में ये यात्रा काफी सुर्खियों में रहता है. इसकी सुरक्षा को लेकर तगड़े इंतजाम किए जाते रहे हैं. आइए जानते हैं इस यात्रा को कैसी दी जाती है सुरक्षा ?
इस बार यात्रा शुरू होने से पहले ही आतंकी हमले की आशंका जताई गई थी. इस लिहाज से राज्य सरकार ने अमरनाथ यात्रियों को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी. अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले का अलर्ट 26 जून को जारी किया गया था. इसके मद्देनजर थ्री लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. इसके तहत सेना, पैरामिलिट्री फ़ोर्स और राज्य पुलिस की तैनाती की गई है.
जानें अमरनाथ यात्रा से जुड़ी खास बातें
- बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए 2 से 3 महीने पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है.
- अमरनाथ यात्रा के लिए सीआरपीएफ की 60 कंपनियां लगाई गई हैं.
- यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी हमेशा सड़क पर गश्त लगाते रहते हैं.
- बस ड्राइवरों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से खास निर्देश दिए जाते हैं.
- बस को काफिले के साथ रखने के लिए ड्राइवरों को निर्देश दिए जाते हैं.
- इस दौरान भारतीय सेना हाईवे की निगरानी करती है ताकि आतंकी जंगलों से निकल कर हमला न कर दें.
जरूर जानें
हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा का महत्व शिव भक्तों से जुड़ा हुआ है. अमरनाथ गुफा के बारे में मान्यता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने अपने अस्तित्व और अमरत्व के रहस्य के बारे में माता पार्वती को बताया था. श्रीनगर से 141 किलोमीटर दूर अमरनाथ गुफा 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इस गुफा में जाने का रास्ता पहलगाम और बालटाल से है.