नई दिल्ली: मोबाइल के 13 डिजिट नंबर को लेकर अफवाहों का बाज़ार गर्म है. ऐसी बातें फैलाई जा रही हैं कि अब मोबाइल नंबर 10 की जगह 13 डिजिट के होंगे. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि कैसे एक तथ्य को तोड़-मरोड़कर एक अफवाह में तब्दील कर दिया गया है.


सरकारी टेलीकॉम ऑपरेटर BSNL ने जानकारी दी है कि डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकॉम ने बीती 8 जनवरी 2018 को एक मीटिंग की थी. मीटिंग में M2M (मशीन टू मशीन) कम्युनिकेशन के लिए 13 डिजिट के नंबर को लागू करने की बात हुई थी. M2M कम्युनिकेशन व्यापार से जुड़ा होता है, इसका मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले आम यूजर्स से कोई लेना-देना नहीं होता है. M2M कम्युनिकेशन के लिए 13 डिजिट के नंबर को एक जुलाई से लागू करने की बात कही गई है.


M2M कम्युनिकेशन को पूरा करने का काम एक अक्टूबर 2018 से शुरू होगा और इसकी आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2018 तय की गई है. इसके लिए LI (Lawful interception) सिस्टम को भी तय सयम के हिसाब से फिट करने की बात कही गई है. Lawful interception के सहारे कानून का पालन करवाने वाली एजेंसियां ज़रूरत पड़ने पर किसी भी बातचीत के माध्यम से जानकारी इक्ट्ठा कर सकती हैं.


क्या होता है M2M कम्युनिकेशन
M2M कम्युनिकेशन का आम लोगों के फोन के इस्तेमाल से कोई लेना-देना नहीं होता है. इसका काम सिर्फ बिज़नेस से जुड़ी गतिविधियों से होता है.


उदाहरण के लिए- आपने रेलवे स्टेशनों पर टिकट के लिए लगी ऑटोमैटिक मशीनें देखी होंगी. फर्ज कीजिए कि इनके अंदर का कागज़ समाप्त हो गया है तो ऐसे में मशीनें M2M कम्युनिकेशन के जरिए कागज़ डालने वाले को सूचित कर सकती हैं कि कागज़ भर दिए जाएं.


वेंडिग के अलावा M2M कम्युनिकेशन का इस्तेमाल वेयर हाउस मैनेजमेंट, रिमोट कंट्रोल मैनेजमेंट, रोबोटिक्स, ट्रैफिक कंट्रोल, लॉजिस्टिक सर्विस, सप्लाई चेन मैनेजमेंट से लेकर टेलिमेडिसिन जैसी सर्विसों तक के लिए किया जाता है.


ऐसे में साफ है कि चूंकि आप M2M कम्युनिकेशन का इस्तेमाल नहीं करते हैं इसलिए आपका फोन नंबर 10 डिजिट का ही रहेगा.


इस ख़बर से आप ये भी समझ गए होंगे कि जानकारी को अफवाह में बदलना कितना आसान है. इंटरनेट ऐसी अफवाहों से भर पड़ा है. ऐसे में एबीपी न्यूज़ आपसे अपली करता है किसी भी ख़बर को तुरंत मानने से पहले उसकी चौतरफा जांच कर लें.