नई दिल्ली: दिल्ली की लाइफ लाइन कही जाने वाली दिल्ली मेट्रो एक बार फिर से पटरी पर उतरने को तैयार है. लगभग 5 महीने बाद आम यात्रियों के लिए मेट्रो की सेवा 7 सितंबर से शुरू हो जाएगी. मेट्रो तीन स्टेजेस में बहाल होगी और सबसे पहले येलो लाइन चलेगी. येलो लाइन पर हर रोज़ लगभग तीन से चार लाख लोगों का फुटफॉल होता है. शुरुआत में एक ही गेट से एंट्री होगी, जिससे भीड़ ना जुटे.
सोमवार को जब यात्री मेट्रो स्टेशन पहुंचेंगे तो उन्हें नए अधिनियमों का सामना करना पड़ेगा. मास्क और समाजिक दुरी को लेकर सबसे ज्यादा सख्ती बरतनी होगी. मास्क पहनना अनिवार्य होगा, बिना मास्क के प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. अगर कोई व्यक्ति मास्क के बिना आता है तो उसे मास्क खरीदना पड़ेगा. दूसरा समाजिक दुरी को लेकर काफी सख्त नियम है. जगह-जगह पर दूरी बनाए रखने के लिए निशान चिन्हित किए गए हैं.
सबसे बाड़ी बात अगर किसी स्टेशन पर भीड़ ज़्यादा हो गई तो उस स्टेशन पर मेट्रो ना रोके जाने का फैसला भी डी. एम. आर. सी से लिया जा सकता है. यात्री टोकन से यात्रा नहीं कर पाएंगे. मेट्रो की यात्रा करने के लिए स्मार्ट कार्ड का प्रयोग करना होगा जिसको डीजीटल प्लेटफार्म के ज़रिए रिचार्ज करना होगा.
3 स्टेजेस में होगी मेट्रो सेवा बहाल
सबसे पहले यानी सोमवार को येलो लाइन मेट्रो शुरू की जायगी. 7 और 8 तारीख़ को केवल येलो लाइन पर मेट्रो बहाल होगी. 9 तारीख़ को ब्लू लाइन, पिंक लाइन शुरू होगी. 10 तारीख़ से रेड ग्रीन और वायलेट लाइन पर मेट्रो सेवा बहाल होगी. दूसरे चरण में वायलेट और ग्रे लाइन चालू की जाएगी. वहीं तीसरे और आखिरी चरण में एयरपोर्ट लाइन की सेवाएं भी शुरू कर दी जाएंगी.
प्रवेश के लिए होंगे सख्त नियम
मेट्रो में यात्रा करने के लिए मास्क बेहद ज़रूरी होगा. अंदर जाते ही प्रवेश पर थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा होगी और साथ ही हाथों को सैनिटाइज़ करना होगा. प्रवेश करने से कोच तक लाल निशान चिन्हित होंगे जो समाजिक दुरी बनाने के लिए ज़रूरी हैं. फ्रिस्किंग एरिया में भी निशान चिन्हित किए गए हैं साथ ही साथ बैगेज सनीटाइज़शन पॉइंट भी बनाए गए हैं. सामाजिक दुरी का पालन करने के लिए एक-एक मीटर की दूरी पर ये चिन्ह बने हैं.
लिफ्ट और एलीवेटर के इस्तेमाल में होगा बदलाव
ज्यादातर बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलाएं लिफ्ट का प्रयोग कर सकेंगी. अब लिफ्ट में भी बदलाव किए गएं हैं और पेडेल रूपी बटन से लिफ्ट को बुलाना होगा और लिफ्ट के दरवाज़े भी अपने आप ही खुलेंगे. मेट्रो की लिफ्ट में आने-जाने के लिए हाथों से बटन नहीं दबाना पड़ेगा, बल्कि पैरों से लिफ्ट में लगाए गए खास बटन से लिफ्ट को ऑपरेट किया जा सकेगा. दिल्ली में पहली बार इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है.
मेट्रो की लिफ्ट में आने-जाने के लिए हाथों से बटन नहीं दबाना पड़ेगा, बल्कि पैरों से लिफ्ट में लगाए गए खास बटन से लिफ्ट को ऑपरेट किया जा सकेगा. दिल्ली में पहली बार इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है. कश्मीरी गेट, नई दिल्ली, राजीव चौक, सेंट्रल सेकेट्रीएट, हौज़ ख़ास, द्वारका सेक्टर 21, जनकपुरी वेस्ट, राजौरी गार्डेन जैसे कई स्टेशन पर ये प्रयोग किया जाएगा. इसके अलावा एक्सेलेटर का प्रयोग करने के लिए भी दो सीढ़ियों के बीच एक सीढ़ी यात्रियों को छोड़ना पड़ेगी.
नियमित रूप से होंगी उद्घोषणाएं
यात्री गण कृपया ध्यान दें आपस में दुरी बना कर चलें, मेट्रो की उद्घोषणाएं जो आकर्षण का केंद्र होंगी क्यूंकि अब ये उद्घोषणाएं कोरोना महामारी को देखते हुए होंगी. समय पर समय पर नियमित रूप से इन उद्घोषणाओं को दोहराया जाता रहेगा. यहीं नहीं प्रत्येक मेट्रो स्टेशन पर स्क्रीनस लगी हैं जिन पर लोगों को जागरूक करने के लिए एनिमेटेड लघु फ़िल्में चलती रहेंगी.
सीसीटीवी कैमरों से रखी जाएगी निगरानी
सभी स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से नज़र बना कर रखी जाएगी कि कहीं नियमों का उलंघन ना हो. लगभग 800 मेट्रो कर्मचारीयों की टीम स्टेशनों को साफ और स्वच्छ रखने की ज़िम्मेदारी उठाएगी. दिव्यांग यात्रियों की सहायता के लिए भी एजेंट उपलब्ध होंगे जो सोशल डिस्टन्सिंग और स्वच्छता निश्चित करेंगे.
अगली मेट्रो के लिए करना होगा अब थोड़ा इंतज़ार
बदलाव के साथ दिल्ली मेट्रो अब चालू होने जा रही है. यात्रियों को कई सारे प्रोटोकॉलस को अब मानना होगा. मेट्रो इंटर चेंज करने का समय यात्रियों की सुविधा के लिए बढ़ा दिया गया है. यानी अब मेट्रो कोच के दरवाज़े खुलने की अवधि बढ़ा दी गई है. मेट्रो की फ्रीक्वेंसी 5-7 मिनट की होगी पहल ढ़ाई मिनट में मेट्रो आ जाती थी. ये इस लिए हो पाया है ताके भीड़ ना लगे. लोगों को मेट्रो पर चढ़ने और उतरने का उचित समय मिल सके. और साथ ही ट्रिप के बाद पूरी मेट्रो को सैन्टाइज़ किया जाएगा इस लिए भी अवधि बढ़ेगी.
कोच की सिटिंग में क्या बदलेगा?
मेट्रो प्लेटफार्म पर आने के बाद उन्हें 20-30 सेकंड तक रोका जाएगा. पहले 10 सेकंड रूकती थी मेट्रो. समाजिक दुरी का पालन हो सके इस लिए ऐसा किया गया है. कोई धक्का मुक्की की परिस्थिति ऐसे में नहीं बन पाएगी. एक कोच में 40-50 लोग ही सफर कर सकेंगे. दो सीटों के बीच में एक सीट छोड़ी जाएगी. दिन की समाप्ति पर ट्रेनों को सैनिटाइज़ किया जाएगा.
पूरी तरह से नया होगा सिस्टम
अब आप मेट्रो टोकन लेकर यात्रा नहीं कर सकेंगे. टोकन को अनुमति नहीं दी जाएगी ताकि बार-बार टचिंग हैंडलिंग के माध्यम से होने वाले वायरस के खतरे को रोका जा सके. केवल स्मार्ट कार्ड के माध्यम से ही यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति होगी. और इस स्मार्ट कार्ड को टिकट वेंडिंग मशीन, ग्राहक केंद्र पर केवल डिजिटल माध्यम से ही रिचार्ज हो सकेगा. टिकट वेंडिंग मशीन पर नकदी को स्वीकार नहीं किया जाएगा. अगर किसी व्यक्ति को अपनी शिकायत दर्ज करानी है तो वह अब केवल डिजिटल माध्यम से ही शिकायत कर सकता है.
आरोग्य सेतु होगा ज़रूरी
मेट्रो स्टेशनों पर नियमित रूप से साफ सफाई की जाएगी और जगह जगह पर केमिकल छिड़काव भी किया जाएगा. साथ ही मेट्रो में प्रवेश करने से पहले लोगों को अपने आरोग्य सेतु एप को अपडेट करना होगा और उसमें अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी. अगर किसी में भी कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उनको यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. ऐसे में मेट्रो में सफर करने से पहले खुद की जांच करना ज़रूरी हो जाता है.
मेट्रो में रखना होगा इन चीज़ो का ध्यान
यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वह पॉकेट हैंड सैनिटाइज़र साथ रखें. 30ml से अधिक मात्रा का हैंड सैनिटाइजर साथ में ना रखें किसी तरह की कोई मिटालिक समान साथ ना रखें और साथ ही साथ कम से कम समान रखने का भी अनुरोध किया गया है. क्योंकि ऐसा करने पर सामाजिक दूरी बनाने में आसानी हो जाएगी. पार्किंग सेवाएं सेवारत रहेंगी. फीडर बस सेवाएं अभी उपलब्ध नहीं है. मेट्रो के भीतर चल रही दुकानों को नियमित रूप से शुरू किया जाएगा और उसमें भी समाजिक दूरी का पालन होगा.
जगह पर जगह पर आकर्षित करने वाले पोस्टसर्स
चाहे वह मेट्रो का परिसर हो या फिर प्लेटफार्म या मेट्रो का कोच हर जगह पर काफी आकर्षित करने वाले पोस्टर लगाए गए हैं. जो लोगों को जागरूक करने के लिए और उन्हें कोरोना वायरस से बचने के लिए संदेश दिये गए हैं. सामाजिक दूरी बनाना मास्क लगाना सैनिटाइजर का प्रयोग करना इस तरह के संदेश भरे पोस्टर्स अलग-अलग जगहों पर आपकों नजर आ जाएंगे.
यह दिल्ली मेट्रो की पहल है ताकि लोगों को जागरूक बनाया जा सके. इसी के साथ साथ अलग-अलग जगह पर लगी स्क्रीन पर एनिमेटेड लघु फिल्में भी चलेंगी जिनमें पूर्ण से बचाव के साथ सा मेट्रो में सफर करने के नियम कायदे भी समझाएं जाएंगे.
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