योगीराज में 35 साल बाद शिवमंदिर के ताले टूटने का सच
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नई दिल्ली: यूपी की सत्ता में आने के बाद से सीएम योगी को लेकर सोशल मीडिया में तरह तरह के दावे किए जा रहे हैं. इन्हीं दावों की फेरहिश्त में एक नया दावा जुड़ गया है. सोशल मीडिया पर वायरल दावे के मुताबिक योगी के सत्ता में आते ही यूपी में 35 साल से बंद पड़े शिव मंदिर के ताले तोड़े गए. इतना ही नहीं दावा है कि शिव मंदिर मुसलमानों ने बंद करवाया था.
क्या लिखा है वायरल मैसेज में ?
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में लिखा है, ''35 साल बाद खुला संभल का शिव मंदिर यूपी के संभल में पिछले 35 सालों में मुसलमानों द्वारा बंद करवा दिए गए शिव मंदिर को मुख्यमंत्री योगी जी ने 20 जिलों की पुलिस भेजकर खुलवा दिया. एक सिपाही ने मंदिर में स्थापित शिव प्रतिमा पर जल चढ़ाया.''
मैसेज में आगे लिखा है, ''संभल में मुसलमान जेहादियों ने पिछले दिनों दंगा करवाया था. स्थानीय मुस्लिम नेता शफीकुर रहमान बर्क ने न केवल संभल को कश्मीर बना देने की बात कही बल्कि हिंदुओं के कत्लेआम की खुली धमकी भी दी थी. 18 जेहादी गिरफ्तार किए गए हैं जबकि 450 संभल छोड़कर फरार हैं.''
एबीपी न्यूज़ ने वायरल मैसेज की पड़ताल की सच का पता लगाने के लिए एबीपी न्यूज़ ने वायरल मैसेज की पड़ताल की. सच की खोज में एबीपी न्यूज़ सबसे पहले संभल पहुंचा क्योंकि वायरल मैसेज मंदिर संभल का ही बताया जा रहा था. संभल शहर के बारे में आपको दो बातें बता दें.
पहली संभल देश की राजधानी दिल्ली से करीब 160 किलोमीटर दूर है और दूसरी ये कि 22 लाख की आबादी वाले इस शहर में मुस्लिम आबादी ज्यादा है. यानि दावे में ये बताने की कोशिश की जा रही है जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा थी वहां हिंदुओं के मंदिर तक पर ताले लगा दिए गए थे.
एबीपी न्यूज ने स्थानीय लोगों से बात की. हम संभल शहर की कई संकरी और चौड़ी गलियों में भटके. हमने तस्वीर में दिख रहे शिव मंदिर को ढूंढने की कोशिश की.
एबीपी न्यूज़ ने संभल के स्थानीय लोगों से बात की वायरल मैसेज में शिव मंदिर की जो तस्वीर लगाई गई थी वो देखने में मंदिर कोई पुराना खंडहर ज्यादा लग रहा था. जो जर्जर था जिसकी इमारत पर पौधे तक उग आए थे. हमने स्थानीय लोगों को तस्वीर दिखाकर पूछा कि क्या आपने संभल में ऐसा कोई मंदिर देखा है? स्थानीय लोगों ने ऐसे किसी मंदिर की जानकारी होने से इनकार कर दिया.
एक अन्य मंदिर के पुजारी ने क्या कहा? स्थानीय लोगों से जब वायरल मैसेज वाले शिव मंदिर पर जवाब नहीं मिला तो हमने संभल के एक दूसरे शिव मंदिर पहुंचे. हमने मंदिर के पुजारी को मैसेज दिखाया और पूछा कि क्या आपको ऐसे किसी शिव मंदिर के बारे कुछ पता है?
पुजारी ने बताया, ''संभल में 14 साल हो चुके हैं यहां ऐसी कोई बात नहीं है ये कोई अफवाह उड़ा रहा है. यहां ऐसा कोई मंदिर मैंने नहीं देखा और ना ही ऐसी कोई चर्चा देखी है.''
जिस नेता का मैसेज में नाम उसने क्या कहा ? मंदिर के बारे कुछ पता नहीं चल रहा था तो हमने वायरल मैसेज में जिस स्थानीय नेता के नाम का जिक्र था उनको ढूंढना शुरू किया. दावा था कि संभल के स्थानीय नेता शफीकुर्ररहमान ने हिंदुओं को जान से मारने की धमकी दी थी. पड़ताल में पता चला कि शफीकुर्रहमान संभल के पूर्व सांसद हैं.
हम शफीकुर्रहमान बर्क के घर पहुंचे और उनसे वायरल मैसेज का सच पूछा. शफुर्रहमान ने बताया, ''कुछ असामाजिक तत्व संभल का माहौल बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं और मनघड़ंत तस्वीर बना कर सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैला रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.''
वायरल मैसेज पर संभल पुलिस ने क्या कहा? हम इस खबर पर आखिरी मुहर संभल की पुलिस को लगानी थी क्योंकि दावा था कि योगी आदित्यनाथ ने 20 जिलों की पुलिस बुलवाकर शिव मंदिर के ताले तुड़वाए हैं. एबीपी न्यूज ने संभल के सीओ ब्रह्मपाल सिंह बाल्यान से बात की और पूछा कि मंदिर के ताले टूटने वाले दावे की हकीकत क्या है
संभल के सीओ ब्रह्मपाल सिंह बाल्यान ने बताया, "सूचना बिलकुल झूठी अफवाह है इसका हम सोशल मीडिया में खंडन भी कर चुके हैं. ऐसा कोई मंदिर संभल में नहीं है जो बंद था और उस पर जल चढ़ाया गया हो. यहां जो मंदिर हैं उन पर नियमित रूप से अपनी पूजा पाठ और अनुष्ठान हो रहे हैं. किसी मंदिर पर यहां प्रतिबंध जैसी कोई बात नही है. यहां सब सामान्य रूप से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.''
क्या रहा परिणाम का का नतीजा? एबीपी न्यूज की पड़ताल में सामने आया कि यूपी के संभल में ऐसा कोई शिव मंदिर नहीं है जो 35 साल से बंद था. सीएम योगी का नाम लेकर कुछ लोग माहौल खराब करने के लिए इस तरह की अफवाहें फैला रहे हैं. एबीपी न्यूज की पड़ताल में वायरल मैसेज झूठा साबित हुआ है.
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