नई दिल्ली: इन दिनों सभी नौकरीपेशा लोग इनकम टैक्स डिकलेयर करने में बिजी हैं. जरूरी भी है वर्ना टैक्स कट जाएगा. इस डिकलेरेशन के बीच सोशल मीडिया पर ताजा-ताजा दो दावों ने एंट्री मारी है. ये दोनों दावे नौकरीपेशा लोगों की नींद उड़ा रहे हैं.


क्या दावा कर रहा है सोशल मीडिया?
पहला दावा- ऑफिस से नौकरीपेशा लोगों को मिलने वाले भत्ते पर GST लगेगा
दूसरा दावा- सरकार ने आदेश जारी करते हुए ये साफ किया है कि इनकम टैक्स बचाने के लिए झूठे बिल देने पर जुर्माना लगाया जाएगा.


पड़ताल: ऑफिस भत्ते पर जीएसटी का सच क्या है?
इस दावे की तहकीकात शुरू तो सामने आया कि सच की तलाश में पता चला कि ऑफिस से मिलने वाले भत्ते पर GST का दावा सरकार के कानों तक भी पहुंचा था. लोगों के मन में किसी तरह का डर या शक ना रहे इसलिए सरकार की तरफ से 19 अप्रैल को एक बयान जारी किया गया.


सरकार की तरफ से जारी इस बयान में साफ किया गया, ''नौकरीपेशा लोगों को दफ्तर की तरफ से मिलने वाले किसी भी भत्ते पर GST लगाने की कोई योजना नहीं है. अगर ये भत्ता कंपनी और कर्मचारी के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट में शामिल है तो सरकार की तरफ से उस भत्ते पर किसी तरह का वस्तु एवं सेवा कर नहीं लगाया जाएगा.''


पड़ताल में ऑफिस से नौकरीपेशा लोगों को दफ्तर से मिलने वाले भत्ते पर GST लगने वाला दावा झूठा साबित हुआ है.


पड़ताल: इनकम टैक्स बचाने के लिए झूठे बिल पेश किए तो जुर्माना?
पड़ताल के दौरान सटीक जानकारी की तलाश में हम भारत सरकार के आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर गए. आयकर विभाग ने इनकम टैक्स भरने से संबंधित एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में रिटर्न भरने वालों को चेतवानी देते हुए साफ किया है कि अगर किसी भी तरह का गलत डिकलेरेशन पकड़ा जाता है तो व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.


आयकर विभाग खुद इस बात की जांच करेगा इसलिए अगर आप भी इनकम टैक्स डिक्लेयर कर रहे हैं तो खास ख्याल रखें और किसी तरह की झूठी जानकारी पैसे बचाने के लिए पेश ना करें. ये आपके लिए मुसीबत बन सकती है.


पड़ताल में इनकम टैक्स बचाने के लिए झूठे बिल देने पर कार्रवाई का दावा सच साबित हुआ है.