नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल हो रहे हैं. वायरल हो रहे इन फोटो, वीडियो और मैसेज के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जा रहे हैं. ऐसी ही एक फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही और इसके जरिए चौंकाने वाला दावा भी किया जा रहा है.


क्या दावा है वायरल खबर में?
अमरनाथ आतंकी हमले में जान बचाने वाले ड्राइवर के नाम पर विवाद हो गया है. गुजरात के एक बड़े अखबार के हवाले से ये कहा जा रहा है कि बस सलीम नहीं बल्कि हर्ष चला रहा है. जो कि यात्रियों की जान बचाने के लिए घायल हुआ और अब गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती है. सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि हर्ष ने जान पर खेलकर यात्रियों की जान बचाई.



क्या लिखा है वायरल हो रही पोस्ट में ?
गुजरात के एक बड़े अखबार की खबर की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है. इस खबर में लिखा है कि बस के मालिक के बेटे हर्ष देसाई खुद बस को चला रहे थे. जब उन्हें गोली लगी तब वो बस चला रहे थे. करीब 25 आतंकियों ने बस को घेर लिया और इनमें से एक आतंकी ने बस में घुसने की भी कोशिश की. इस दौरान बस के कंडक्टर ने आतंकवादी को धक्का देकर बाहर कर दिया और बस का दरवाजा बंद कर लिया. जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी. अखबार में यह भी दावा किया गया है कि गोली लगने के बाद हर्ष का दिमाग सुन्न पड़ गया था इसके बावजूद उसने पांच किलोमीटर तक बस चलाई.


क्या है वायरल खबर का सच?
एबीपी न्यूज़ ने वायरल खबर का सच जानने के लिए बस के ड्राइवर सलीम से और बस ड्राइवर के बेटे हर्ष देसाई दोनों से बात की. सलीम ने बताया कि आतंकियों ने हमारे ऊपर हमला  किया. जैसे ही मुझे समझ आया मैंने दरबाजा बंद करवाया और झुक कर बस चलाई. जब मिलेट्री कैंप मिला तब गाड़ी रोकी. हर्ष भाई मेरे साथ बैठे थे उन्हें गोली लगी.


एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए हर्ष देसाई ने कहा, ''हम 70-80 की स्पीड से जा रहे थे, अचानक हमला हुआ. पहले लगा कि शायद पटाखे फूट रहे हैं लेकिन बाद में फिर मुझे भी गोली लगी. बाद में मैंने सलीम भाई को कहा कि गाड़ी रोकना मत आप चलाते रहो. जहां मिलेट्री मिलेगी वहीं रोकना, आगे दो किलोमीटर दूर जाने के बाद हमें मिलेट्री कैंप मिला.''


सलीम और हर्ष दोनों की बात सुनने के बाद साफ हो गया कि सोशल मीडिया पर गुजरात के अखबार के हवाले से जो खबर वायरल हो रही है वो बिल्कुल गलत है.