नई दिल्ली: आदित्यनाथ योगी को यूपी का सीएम बने अभी दस दिन भी नहीं हुए हैं लेकिन योगी ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं टारगेट सेट कर रहे हैं. यूपी की सड़कों से गड्ढे हटाने हों या फिर गोमती में नाला ना गिरने का आदेश सुनाना हो. योगी यूपी को चमकाना चाहते हैं लेकिन योगी के नाम से जोड़कर नफरत फैलाने वाले दावे भी किए जा रहे हैं.


योगी को लेकर जो नया दावा किया जा रहा है कि उसके मुताबिक योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद इलाहाबाद में एक मस्जिद को आग लगा दी गई? ये दावा एक तस्वीर के जरिए किया जा रहा है जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

दावा इसलिए गंभीर है क्योंकि पाकिस्तान सरकार के बड़े पद पर रह चुके एक नामचीन हस्ती ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए दावा किया है कि ये यूपी के इलाहाबाद की मस्जिद है जिसे आग लगा दी गई.

एबीपी न्यूज ने वायरल तस्वीर की पड़ताल शुरू की

मस्जिद में आग लगाने वाली खबर का दावा पाकिस्तान के पूर्व मुख्य सचिव खालिद अजीज ने सबसे पहले किया था. खालिद अजीज ने 26 मार्च को ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा था, ''कल इलाहाबाद में मस्जिद को इस तरह से लूटा गया. क्या भारत में ये धर्मनिरपेक्षता का अंत है.''

खालिद अजीज के इस ट्वीट के बाद लोग इस दावे पर टूट पड़े. नौबत ये आ गई इलाहाबाद पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से खालिद अजीज से सवाल हुआ श्रीमान जी ये फोटो जनपद इलाहाबाद के किस थाना क्षेत्र की है?

मामला लोगों की भावनाओं से जुड़ा था लेकिन यहां गौर करने वाली बात ये है कि इलाहाबाद की मस्जिद में आग लगाने का दावा पाकिस्तान से किया जा रहा है और हमारे देश के किसी अखबार टेलीविजन या वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं थी.

सच सामने लाने के लिए एबीपी न्यूज़ ने वायरल तस्वीर की पड़ताल शुरू की. सबसे एबीपी न्यूज़ ने यूपी के इलाहाबाद शहर में ये जानने की कोशिश की क्या वहां ऐसी कोई मस्जिद है? हमें जब ऐसी मस्जिद नहीं मिली तो हमने इलाहाबाद पुलिस से संपर्क किया और पूछा कि क्या आपके संज्ञान में ऐसी कोई घटना आई है? पुलिस की तरफ से भी जवाब ना में ही मिला.

अगर इलाहाबाद में ऐसा कुछ नहीं हुआ था तो फिर ये तस्वीर कहां की थी जो काले धुएं के गुबार और आग की लपटों में घिरी थी. हमने दोबारा इंटरनेट पर इस तस्वीर को ढूंढना शुरू किया तो पता चला कि वायरल तस्वीर राजधानी दिल्ली से करीब 3000 किमी दूर म्यांमार देश की है.

म्यांमार की ये तस्वीर भी ताजा नहीं बल्कि 4 साल पुरानी 21 मार्च 2013 की है जब मुस्लिमों और बौद्ध धर्म के लोगों के बीच हिंसा हुई थी. हर तरफ आगजनी और तोड़फोड़ इतनी ज्यादा हुई थी कि उसे काबू करने के लिए आर्मी को दखल देना पड़ा था.

पाकिस्तान सरकार में पूर्व मुख्य सचिव ने म्यांमार की तस्वीर को इलाहाबाद का बताकर ट्वीट करने से पहले एक पल के लिए भी नहीं सोचा कि उनका 140 शब्दों वाला ये ट्वीट और तस्वीर लोगों की भावनाओं को भड़का सकता है. नफरत पैदा कर सकता है. पाकिस्तान का ये एक ट्वीट ये साबित करता है कि वो सिर्फ घुसपैठियों से ही नहीं दूसरे रास्तों से भी हिंदुस्तान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगा रहता है.

अभी कुछ ही दिन पहले भोजन घोटाले का खुलासा करने वाले तेज बहादुर की मौत का दावा किया गया था जो हमारी पड़ताल में झूठा साबित हुआ था. ये दावा भी पाकिस्तान की तरफ से ही हुआ था.

आर्मी प्रमुख विपिन रावत ने भी पाकिस्तान की इन साजिशों से लड़ने के लिए तैयार रहने की बात कही थी. एबीपी न्यूज अपने दर्शकों से अपील करता है कि ऐसी तस्वीरें और दावों को देखकर यकीन ना करें. हमारी पड़ताल में योगी के सीएम बनने के बाद इलाहाबाद की मस्जिद में आग लगाने का दावा करने वाली ये तस्वीर झूठी साबित हुई है.