नई दिल्ली: हर तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने की चर्चा हो रही है. सरकार अपनी उपलब्धियां गिना रही है तो विपक्ष नाकामियां. लेकिन सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है जो योगी की पुलिस की पोल खोलने का दावा कर रही है.
क्या है वायरल तस्वीर में ?
वायरल तस्वीर में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की पुलिस की यूपी 100 नंबर वाली गाड़ी खड़ी दिखती है. इसके साथ दो पुलिस वाले भी नजर आते हैं. इस तस्वीर के वायरल होने की वजह गाड़ी या पुलिस वाले नहीं बल्कि गाड़ी के दाईं तरफ रखी सफेद रंग की प्लास्टिक की बाल्टी है. तस्वीर में साफ दिख रहा है कि गाड़ी से पाइप लगाकर सफेद बाल्टी में कुछ निकाला जा रहा है. गाड़ी की टंकी में पाइप लगा है तो जाहिर है पेट्रोल या डीजल की निकासी ही की जा रही होगी.
क्या है वायरल तस्वीर का सच?
एबीपी न्यूज़ ने सच जानने के लिए वायरल हो रही तस्वीर की पड़ताल की. वायरल तस्वीर को लेकर ट्विटर पर सबसे पहला जवाब यूपी पुलिस के ट्विटर अकाउंट से आया जिसमें बताया गया कि वायरल तस्वीर में जो वाहन दिखाई दे रहा है वो इलाहाबाद पुलिस का है.
पड़ताल के लिए हमें भी पहला सुराग मिल चुका था. तो हमारी टीम सच की तलाश में इलाहाबाद की पुलिस लाइंस में मॉर्डन कंट्रोल रूम पहुंची. कंट्रोल रूम के बाहर हमें वो गाड़ी मिली जो वायरल तस्वीर में दिख रही थी. पड़ताल में पता चला कि इलाहाबाद में डायल 100 की 71 गाड़ियां हैं.
ये है वायरल हो रही तस्वीर की असली कहानी
गाड़ी में पाइप और बाल्टी क्यों लगाई गई थी ये सवाल हमने इलाहाबाद में डायल 100 के प्रभारी कुंवर बहादुर सिंह से किया. कुंवर बहादुर सिंह ने हमें बताया कि ये मामला 24 जून की शाम का है जब शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर जौनपुर हाइवे में फूलपुर कस्बे के पास के एक पेट्रोल पंप पर ये गाड़ी पहुंची थी.
कुंवर बहादुर के मुताबिक इस गाड़ी को मिलने वाले पेट्रो कार्ड के चालीस हजार रुपए 23 जून की रात को हो ही खत्म हो गए थे. दिन की शिफ्ट वाले ड्राइवर को इसकी जानकारी नहीं थी. 24 जून की शाम को ड्राइवर गाड़ी के साथ एक पेट्रोल पंप पर गया और वहां तीन हजार रूपये का डीजल भरवाया. डीजल लेने के बाद उसने पंप पर पेट्रो कार्ड दिया तो पता चला कि उसमे बैलेंस ख़त्म हो चुका है. इस पर पंप के कर्मचारियों ने कैश पैसा देने या फिर डीजल वापस देने को कहा. कैश भुगतान का कोई नियम नहीं होने की वजह से डायल 100 की टीम ने डीजल वापस निकालने को कहा.
इलाहाबाद पुलिस ने ट्विटर पर भी इस बात की सफाई दी थी लेकिन कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि अगर ऐसा था तो डीजल पेट्रोल पंप पर ही निकाला जाना चाहिए था. इस सवाल के जवाब में इलाहाबाद पुलिस ने 45 सेकेंड का एक वीडियो जारी किया. और लिखा कि कृपया ध्यान से देखिए ये वो ही पेट्रोप पंप है.
इसलिए हमारी पड़ताल में योगी की पुलिस के डीजल चोरी करने का दावा झूठा साबित हुआ है.