नई दिल्ली: एबीपी न्यूज़ के बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम 'वायरल सच' में हापुड़ के स्कूल में बच्चों से जूठे बर्तन मंजवाने की खबर दिखाई गई. खबर दिखाए जाने के बाद बड़ा असर हुआ है. बच्चों से बर्तन मंजवाने वाले शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है.
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर के जरिए दावा किया गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बच्चों को बैग और किताबें बांट कर जाते हैं और दूसरे दिन स्कूल के टीचर उन्हीं बच्चों के हाथ में झाड़ू और जूठे बर्तन पकड़ा देते हैं.
क्या था सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में?
तस्वीर में सरकारी नल के पास बने चबूतरे पर दो छोटी बच्चियां दिखाई देती हैं. एक बच्ची जिसने खाकी रंग का स्कूल यूनिफॉर्म पहन रखा है वो नल के पास नीचे बैठकर बर्तन मांजती दिख रही है. तस्वीर देखकर ऐसा लग रहा है कि स्कूल यूनिफार्म में बैठी बच्ची ने कुछ थालियां साफ कर लीं हैं जिसे उसने नल के किनारे रख दिया है और बाकी जूठे बर्तन की सफाई अभी चल रही है. वहीं फ्रॉक पहने दूसरी बच्ची नल चलाकर उसकी मदद कर रही है. जिस स्टाइल से महिला हाथ में लकड़ी का स्केल लिए खड़ी है उसे देखकर तो यही लगता है कि शायद लड़कियों से काम करवाने का जिम्मा इन्ही के ऊपर है.
दूसरी तस्वीर में क्या था?
दूसरी तस्वीर में वही लड़कियां दिखती है. छोटी बच्चियों का चेहरा तो उतरा हुआ है लेकिन मैडम जी हंसते हुए दिख रही हैं
तीसरी तस्वीर में
इस तस्वीर में दो बच्चे दिखते हैं. फुल पैंट और बनियान पहने लड़के के हाथ में झाड़ू दिखाई देता है.
क्या है वायरल तस्वीर का सच?
वायरल तस्वीर में ही स्कूल का नाम और पता लिखा था- प्राथमिक विद्यालय अब्दुल्लापुर बसन्तपुर ऊर्फ जसरुपनगर, विकास क्षेत्र -हापुड़ जनपद- हापुड़. दरअसल बुधवार को ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हापुड़ गए थे और बच्चों को स्कूल बैग और किताबें भी बांटी थी.
पड़ताल के लिए एबीपी न्यूज़ दिल्ली से 75 किमी दूर यूपी के हापुड़ पहुंचा. हापुड़ पहुंचने के बाद पड़ताल उसी स्कूल से शुरू हुई जहां का वीडियो बताया जा रहा था. स्कूल पहुंचे तो क्लास में एबीपी न्यूज को वही महिला टीचर पढ़ाते मिलीं जो वायरल तस्वीर में दिख रही थीं. क्लास खत्म होने के बाद हमने महिला टीचर से बात की तो पता चला कि उनका नाम अर्चना है.
ABP न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्वीरें 13 मई यानि करीब 2 महीने पुरानी है. इसलिए इस घटना के सीएम योगी के हापुड़ दौरे से कोई लेना-देना नहीं है. वायरल वीडियो और तस्वीरें सही हैं लेकिन जिस दावे के साथ उसको पेश किया जा रहा है वो झूठा साबित हुआ है.