मसूद अजहर अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित, जानें क्या है ग्लोबल आतंकी का मतलब और पाकिस्तान की है कितनी बड़ी हार
ग्लोबल आतंकी घोषित हुए आतंकवादी की सारी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. साथ ही ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह की आर्थिक मदद मुहैया कराने पर भी रोक लगाई जाएगी.
नई दिल्लीः आतंकवाद के खिलाफ भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है. जैश-ए-मोहम्मद का सरगना और पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर ग्लोबल आतंकी घोषित हो गया है. संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर दिया है. इस तरह लंबे समय से चल रही भारत की कोशिशों को सफलता हाथ लगी है.
जानिए ग्लोबल टेरेरिस्ट होने का क्या मतलब है और इससे मसूद अजहर का जीना कैसे मुहाल होगा
यात्रा पर लगेगा बैन-ग्लोबल आतंकी घोषित होने के बाद मसूद अजहर पर किसी भी अन्य देश में जाने पर बैन लग जाएगा. जिस देश में वो है वहीं उसे रहना होगा. सभी देश ग्लोबल आतंकी घोषित हुए शख्स को अपने यहां प्रवेश करने से रोकेंगे. जिस देश में वो है वहां भी उसे यात्रा करने नहीं दी जाएगी. इस तरह आतंकी जहां मौजूद है उसे वहीं रहना होगा और वो दुनिया के किसी भी देश में नहीं जा पाएगा.
संपत्ति जब्त होगी: ग्लोबल आतंकी घोषित हुए आतंकवादी की सारी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. साथ ही ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह की आर्थिक मदद मुहैया कराने पर भी रोक लगाई जाएगी.
हथियार का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा: जो आतंकी ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित हो जाता है उसके लिए किसी भी तरह के हथियार खरीदने, हथियार की सप्लाई और खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह बैन होगा. इसमें छोटे से लेकर बड़े तक सभी तरह के हथियार शामिल होते हैं. हथियार बनाने में उपयोग होने वाला सामान भी उसे कोई मुहैया नहीं करा सकता है और न ही हथियारों से जुड़ी तकनीकी सहायता दी जा सकती है.
पाकिस्तान के लिए मसूद अजहर का बचाव करना मुश्किल होगाः अब तक पाकिस्तान अपने यहा मसूद अजहर को शरण देता आया है लेकिन अब उसके ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित होने के बाद पाकिस्तान के लिए मसूद अजहर की पैरवी करना मुश्किल होगा. उसको किसी तरह की आर्थिक, सामाजिक मदद देना भी पाकिस्तान के लिए मुश्किल होगा.
क्या होगा असर? आतंकवाद को लेकर बढ़ते दबाव के चलते इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि दिखावे के लिए ही सही मगर मसूद अजहर पर नकेल कसना पाकिस्तान की मजबूरी जरूर होगी.
अजहर पर प्रतिबंध लगाने की भारत की कोशिश कब शुरू हुई? जैश-ए-मोहम्मद ने जब पठानकोट में वायु सेना अड्डे पर हमले की जिम्मेदारी का दावा किया था तब भारत ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की थी कि उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया जाए. भारत ने यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) की समिति के सामने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की मांग की. इसके बाद फरवरी में हुए पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद भी भारत ने यूएन में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने मांग की थी.