चेन्नई: मौत एक ऐसी सच्चाई है कि जो भी इस दुनिया में आया है, एक न एक दिन उसे इस दुनिया से जाना पड़ता है. लेकिन दुनिया में कुछ शख्सियतें ऐसी होती हैं कि उनका रुखस्त होना करोड़ों दिलों को रुला देता है. लाखों जानों को तड़पा देता है. शहर-शहर, गांव-गांव, गलियां-गलियां और डगर-डगर मातम का सन्नाटा बिखेर देता है.



आज ऐसी ही एक घटना का गवाह बना तमिलनाडु का शहर चेन्नई. सोमवार की रात जैसे ही तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और लोकप्रिय नेता जे जयललिता के निधन की खबर आई.... अपोलो अस्पताल के बाहर सन्नाटा पसर गया.


अस्पताल के बाहर सभी आंखें नम हो गईं... दिल टूट गए. शोक की ऐसी लहर दौड़ी कि सभी मौजूद लोग बेजान से हो गए... ऐसा लगा मानो सब बदहवासी में हैं. अपने नेता के गुजर जाने के बाद उनके दिल ने धड़कना और दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया हो. वे ये एहसास भी नहीं कर पा रहे थे कि उनकी अम्मा उन्हें छोड़कर चली गई हैं.



चंद लम्हों के बाद जैसे ही उन्हें ये एहसास हुआ कि उनकी अम्मा अब नहीं रहीं... अचानक अस्पताल के बाहर चीख पुकार मच गई... समर्थकों ने बिलखना शुरू कर दिया... महिलाएं अपना आंचल ऊठाकर, दामन फैलाकर, क्लेजा पीट-पीटकर रो रही थीं... अपने आपको मार रही थीं. पुरुष भी इसी तरह से ग़म में डूबे थे. कुछ लोग बहुत ही दुख के साथ अपनी अम्मा के गुजर जाने की हकीकत को स्वीकार कर रहे थे.



जब लोगों से अम्मा के गुजर जाने पर उनकी प्रतिक्रिया ली गई तो उनकी जुबान खामोश ही रही और वे लोग न बोल कर भी अम्मा के प्यार में जो बातें बयान कर गए, ये लम्हे, ये क्षण इतिहास में दर्ज हो गए.