एक अप्रैल को ही क्यों शुरू होता है फाइनेंशियल ईयर, जानें- कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत
अकाउंटिंग ईयर, फिस्कल ईयर या फाइनेंशियल ईयर क्या होता है यह जानना हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है. हमसब के मन में यह सवाल उठने लगता है कि आखिर क्यों एक अप्रैल से ही फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत होती है.
नई दिल्लीः आज एक अप्रैल है. आज की तारीख सरकार के लिए, बिजनेस के लिए, इन्वेस्टर और टैक्सपेयर के लिए काफी मायने रखता है. इसका कारण है कि आज की तारीख से ही फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत होती है और 31 मार्च को खत्म हो जाती है. अगर एक वाक्य में कहें तो अर्थ जगत के लिए ये दिन बेहद खास होता है. ऐसे में हमें यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर क्यों 1 अप्रैल से फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत होती है जबकि नया साल तो एक जनवरी से शरू होता है.
1 अप्रैल से लागू होता है बजट
अगर हम गौर करें तो देखेंगे कि भारत में बजट पहले पेश होता है लेकिन यह लागू एक अप्रैल से ही होता है. यानि की वर्षों पहले से चली आ रही यह परंपरा अभी भी सुचारू रूप से चल रही है. 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की तीथि को ही हम अलग-अलग नामों से जानते हैं. जैसे कि- अकाउंटिंग ईयर, फिस्कल ईयर या फायनांशियल ईयर भी कहते हैं.
साल 1867 से चल रही है परंपरा
फाइनेंशियल ईयर न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में एक अप्रैल से ही शुरू होता है. साल 1867 में यह परंपरा भारत में शुरू हुई थी. कहा जाता है कि एकाउंटिंग का ग्रेगरियन कैलेंडर अपनाए जाने के बाद ब्रिटिश अप्रैल-मार्च के हिसाब से चलते थे. वैसे भारत के हिसाब से देखें तो अंग्रेज भारतीय किसानों से लगान वसूलते थे. ब्रिटिश राज में ज्यादातर टैक्स खेती से वसूले जाते थे. ऐसे में सालाना बजट फसल की बुआई और कटाई को ध्यान में रखकर भी यह तारीख तय किया गया था.
बता दें कि दुनिया में करीब 156 देश 1 जनवरी से 31 दिसंबर को कारोबारी साल मानते हैं. वहीं भारत समेत 33 देश 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच अपना फाइनेंशियल ईयर मानते हैं. वहीं 20 देश 1 जुलाई से लेकर 30 जून को अपना अकाउंटिंग ईयर मनाते हैं.
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