जानिए- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष और पीएम केयर्स फंड में क्या है अंतर?
PMNRF फंड के खातों की थर्ड पार्टी ऑडिटिंग होती है. पीएम केयर्स के खातों की ऑडिटिंग कौन करेगा, यह अब तक साफ नहीं है.
नई दिल्ली: कोरोना का संकट अभूतपूर्व संकट है. इसमें जान की हानि तो हो रही है साथ ही लॉकडाउन की वजह से सरकार की आमदनी भी लगभग ठप है. कोरोना से लड़ने के लिए सरकार को पैसे चाहिए. ऐसे में सरकार ने देश की जनता से मदद की अपील की. पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड में लोगों को दान करने के लिए कहा तो लोगों ने देश के लिए अपनी तिजोरी खोल दी. लेकिन अब कोरोना के लिए दान किए गए इसी पैसे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल उठा दिए हैं.
राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ''पीएम केयर्स फंड को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और रेलवे जैसे बड़े सरकारी उपक्रमों से काफी पैसा मिला है. यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री सुनिश्चित करें कि इस कोष का ऑडिट हो और पैसे लेने और खर्च करने का रिकॉर्ड जनता के सामने उपलब्ध हो.''
The #PmCares fund has received huge contributions from PSUs & major public utilities like the Railways. It’s important that PM ensures the fund is audited & that the record of money received and spent is available to the public.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 9, 2020
ये पहली बार नहीं है कि कांग्रेस की तरफ से कोरोना संकट के लिए बनाए गए पीएम केयर्स फंड पर सवाल उठाए गए हैं. विपक्ष को ये मौका इसलिए मिला है क्योंकि पहले से ही एक प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष मौजूद है जिसे किसी बड़ी आपदा की स्थिति में खर्च करने का अधिकार भी प्रधानमंत्री के पास ही है. तो आइये आपको समझाते हैं कि दोनों फंड में अंतर क्या है...
पीएम केयर्स और PMNRF फंड में अंतर
- पीएम केयर्स का गठन 2020 में तब किया गया जब देश कोरोना महासंकट से जूझ रहा है. और इसका मकसद भी कोरोना से लड़ना है. वहीं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का गठन जनवरी 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद के लिए किया था.
- पीएम केयर्स का गठन चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में किया गया है. प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष हैं. जबकि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का पूर्ण नियंत्रण प्रधानमंत्री कार्यालय के हाथ में है.
- देश के रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री पीएम केयर्स फंड के लिए बने ट्रस्ट के सदस्य हैं. साथ ही विज्ञान, स्वास्थ्य, कानून, सार्वजनिक कार्य जैसे क्षेत्रों की प्रसिद्ध हस्तियों को ट्रस्ट के सदस्य के रूप में नामित किया जा सकता है. जबकि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का कितना पैसा, किस आपदा में खर्च होगा, इसकी सिफारिश सिर्फ प्रधानमंत्री करते हैं.
- और सबसे बड़ा फर्क ये है कि पीएम केयर्स के खातों की ऑडिटिंग कौन करेगा, यह अब तक साफ नहीं है. लेकिन PMNRF फंड के खातों की थर्ड पार्टी ऑडिटिंग ही होती है. यही बात विपक्ष को खटक रही है.
गौरतलब है कि पीएम केयर्स फंड की शुरुआत 28 मार्च 2020 को की गई जब देश में लॉकडाउन लागू हो चुका था और प्रधानमंत्री मोदी देशवासियों को कोरोना के खिलाफ लंबी लड़ाई के लिए एकजुट कर रहे थे. ऐसे वक्त में पीएम मोदी की अपील पर पीएम केयर्स फंड में देश प्रेमियों ने खुलकर दान किया. चाहे फिल्मी सितारे हों, खिलाड़ी हों, उद्योगपति हों या आम नागरिक. अलग-अलग मंत्रालयों से लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने भी कोरोना के खिलाफ बनाए फंड के लिए अपनी तिजोरी खोल दी.
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