नई दिल्ली: दुनिया भर के कई देश के वैज्ञानिक और डॉक्टर कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन या दवा बनाने में जुटे हुए हैं. इस समय पूरी दुनिया में 100 से ज्यादा प्रोजेक्ट कोरोना वायरस लिए वैक्सीन के लिए अलग-अलग देशों में चल रहे हैं. लेकिन अब तक सिर्फ कुछ जगह से ही वैक्सीन बनने और ट्रायल की खबर आई है या दावा किया गया है. ये देश है चीन, अमेरिका, इजरायल, ब्रिटेन, इटली हैं.
अमेरिका
सबसे पहले बात अमेरिका की. दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा मरीज और इस संक्रमण से मौत इसी देश में हो रही है. इसलिए अमेरिका इस बीमारी के खिलाफ दवा या वैक्सीन बनाने में पूरी ताकत के साथ जुट गया है. अमेरिका में इस बीमारी से लड़ने के लिए दो कंपनी वहां वैक्सीन का ट्रायल कर रही हैं.
मॉडर्ना कंपनी, अमेरिका की नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इनफेक्शियस डिजीज मिलकर इस बारे में खोज और ट्रायल कर रहे हैं. इस वैक्सीन से कंपनी का मकसद है कि ऐसी वैक्सीन बनाई जाए, जो लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएगी. इससे कोरोना वायरस के खिलाफ शरीर को लड़ने की क्षमता मिलेगी और व्यक्ति कोरोना को हरा सकेगा. वहीं अमेरिका की ही दूसरी कंपनी Pfizer भी इस वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटी हुई है.
ब्रिटेन
ब्रिटेन ने भी कोरोना की वैक्सीन बनाने के दावे के बाद अब इसका इंसानों पर टेस्ट शुरू कर दिया है. ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में इस वैक्सीन का टेस्ट किया जा रहा है. वैक्सीन को बनाने वाले शोधकर्ता करीब एक महीने तक इसका क्लीनिकल टेस्ट करेंगे. इसके लिए ब्रिटेन के 200 अस्पतालों में करीब पांच हजार से ज्यादा लोगों पर इसका परीक्षण किया जाएगा।
चाइना
चीन में इस समय तीन वैक्सीन प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं जिनमें ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर परीक्षण चल रहा है. एक वैक्सीन पर काम चीन की कैंसिनो बॉयोलॉजिक्स के साथ इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोटेक्नॉलॉजी और चाइनीज एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज मिलकर कर रहे हैं. दूसरी वैक्सीन LV-SMENP-DC का के ही शेंजेन जीनोइम्यून मेडिकल इंस्टीट्यूट में ट्रायल चल रहा है. वहीं तीसरी वैक्सीन का ट्रायल चीन के वुहान में चल रहा है.
इजरायल
वहीं हाल ही में इजरायल ने दावा किया है उसके इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च ने कोरोना वायरस का वैक्सीन तैयार कर लिया है. खुद इजरायल के रक्षा मंत्री ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा की उनके देश ने इस बीमारी की वैक्सीन खोज लिया है और टेस्ट काफी आगे के स्टेज में है जल्द इसको पेटेंट भी कराने की तैयारी है. ये वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी बनाती है.
इटली
इटली ने भी दावा किया है की उसने भी वैक्सीन तैयार कर ली है. इटली ने दावा किया है कि उसने ऐंटी बॉडीज को ढूंढ निकाला है जिसने ह्यूमन सेल में मौजूद कोरोना वायरस को खत्म कर दिया है. रोम के स्पल्नजानी अस्पताल में किए गए परीक्षणों के निष्कर्षों के मुताबिक, वैक्सीन चूहों में एंटीबॉडी बनाते हैं जो मानव कोशिकाओं पर काम करते हैं.
भारत में क्या स्तिथि है?
वहीं भारत भी वैक्सीन बनाने की रेस में शामिल हो गया है. आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन बनाने के लिए साझेदारी की है. आईसीएमआर ने इसके कोरोना स्ट्रेन को भारत बायोटेक इंटरनेशनल को दिया है.
जहां इस पर रिसर्च कर टीका बनाने की तेजी से कवायद की जा रही है. आईसीएमआर के एनआईवी पुणे की लैब ने कोरोना वायरस का स्ट्रेन हासिल किया था और अब इसी के जरिए वैक्सीन बनने की उम्मीद है. हालांकि डॉक्टरों का कहना है की वैक्सीन की खोज अभी चल रही है. कोई पुख्ता नतीजे नहीं आए हैं.वही अभी यह ट्रायल के बहुत ही शुरुआती दौर में है.
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर एसपी ब्योत्रा के मुताबिक, " वैक्सीन में वक्त लगेगा क्योंकि ट्रायल लंबे चलते हैं. पहले जानवरों पर इसका ट्रायल होगा, इसके बाद इंसान पर और उसके बाद ट्रायल और व्यापक होता चला जाता है. ऐसे में एक वैक्सीन के सही नतीजे और उसकी खामियां जानने में वक्त लगता है. इसलिए यह वैक्सीन 6 महीने से साल भर तक आने की उम्मीद नहीं है. इसलिए 2021 से पहले वैक्सीन की उम्मीद नहीं है." फिलहाल कई देशों के डॉक्टर और वैज्ञानिक वैक्सीन और दवा की खोज में जुटे हुए हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इस वायरस का इलाज मिल जाएगा.
ये भी पढ़ें-
महाराजगंज: क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुके 493 नेपाली नागरिकों वापस भेजा, लॉकडाउन में फंस गये थे