नई दिल्ली: देश में हर इंसान इस वक्त कोरोना वायरस के कहर से सहमा हुआ है और दहशत में है. संकट के इस दौर में आपका चैनल एबीपी न्यूज़ फेसबुक और वॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म पर कि जा रहे दावों की तहकीकात करता है और सच का पता लगाता है. सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से दावा किया जा रहा है कि मलेरिया की दवा खाने से मौत हो जाती है, जानें इस दावे का सच क्या है.


लोगों के बीच दहशत पैदा कर रहा है दावा


जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर दावा है कि मलेरिया की दवा खाने से एक शख्स की मौत हो गई है. दरअसल पिछले कई दिनों से कोरोना वायरस के खिलाफ मलेरिया की दवा क्लोरोक्विन के प्रयोग की चर्चा है, लेकिन ये दावा लोगों के बीच दहशत पैदा कर रहा है.



सोशल मीडिया पर मलेरिया की दवा से इलाज का दावा करने वाली कई पोस्ट आप हर रोज देख रहे हैं. ऐसी पोस्ट में लिखा है, ‘’कोरोना के इलाज की पहली दवा मिल गई है. रिसर्चर मान रहे हैं कि मलेरिया को ठीक करने वाली पुरानी क्लोरोक्विन इसको काफी ठीक कर सकती है.’’ लेकिन ताजा दावा ये है कि मलेरिया की दवा का इंजेक्शन लेने से एक शख्स की मौत हो गई है.


जानें क्या है दावे का सच


दावे का सच जानने के लिए वायरल सच ने अपनी पड़ताल शुरू की तो हमें एनबीसी न्यूज का एक आर्टिकल मिला जिसमें लिखा था, ‘’अमेरिका के अरिजोना में एक शख्स ने कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए क्लोरोक्विन का इंजेक्शन लिया और उसकी मौत हो गई है.’’


न्यूज आर्टिकल के मुताबिक, शख्स की पत्नी ने एनबीसी न्यूज को बताया कि उनसे अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को क्लोरोक्रिवन दवा के बारे में बताते हए सुना था. ट्रंप का बयान सुनकर पति पत्नी ने क्लोरोक्विन का वो कपाउंड पानी में मिलाकर पी लिया जो इंसानों के इलाज के लिए नहीं बल्कि बीमार मछली के इलाज के लिए उनके घर में मौजूद था. इसके बाद 60 साल की उम्र वाले पति पत्नी की दवा पीने के 20 मिनट बाद ही हालत बिगड़ने लगी. अस्पताल पहुंचते पहुंचते 60 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई.


आईसीएमआर ने जारी की गाईडलाइन्स


बता दें कि देश के प्रमुख स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान आईसीएमआर ने देश में कोरोना संदिग्धों की देखभाल में लगे लोगों के लिए गाइडलाइन जारी की है. आईसीएमआर ने कहा है कि जो लोग कोरोना के कन्फर्म मरीजों के संपर्क में आए हैं, उन्हें मलेरिया की दवाई हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दी जाएगी. लेकिन साफ किया गया है कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन रजिस्टर्ड डॉक्टर के पर्चे पर दी जाएगी.


हमारी आपसे अपील है कि स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस या सोशल मीडिया पर पहुंची किसी दवा का नाम देखकर उसे खुद पर इस्तेमाल करने की कोशिश ना करें ये जानलेवा हो सकता है. हमारी पड़ताल में कोरोना से बचने के लिए दवा पीने से मौत का दावा सच साबित हुआ है.