लखनऊ: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अयोध्या मामले पर बीते शनिवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि समावेशी और पारदर्शी होने की वजह से इसके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठी.
राम मंदिर आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे सिंह ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी ने स्वागत किया, क्योंकि इंसाफ की नजर में यह एक समावेशी निर्णय है. इससे 500 साल पुराने विवाद पर पर्दा गिर गया है."
राम मन्दिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू
अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे सिंह ने कहा, "इस फैसले को हार या जीत के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए. यह सभी के लिए आस्था का विषय है और इस पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए."
उन्होंने कहा," कोर्ट ने सबके हक में फैसला दिया है. उसने जहां मंदिर बनाने का आदेश दिया है, वहीं मस्जिद के लिए भी जमीन देने को कहा है. जहां तक मेरा अंदाजा है तो मंदिर का निर्माण 2022 या 2023 तक हो जाएगा."
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उन्होंने कहा, "मैं एक रामभक्त हूं और अर्से से इस आंदोलन से जुड़ा हूं. सभी देशवासियों की तरह मैं भी चाहता हूं कि रामजन्मभूमि पर राम मंदिर बने."
राजस्थान के राज्यपाल भी रह चुके सिंह ने कहा कि वह चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण होने के बाद अयोध्या को रोजगार से भी जोड़ा जाए. उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे विशिष्ट तीर्थ केन्द्र के रूप में विकसित कर दुनिया के नक्शे पर लाएंगे.
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बाबरी मस्जिद ढहाने की साजिश रचने के मामले में खुद पर चल रहे मुकदमे के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने इस पर विस्तार से कुछ नहीं कहा.
इस सवाल पर कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने को कानून-व्यवस्था का मुद्दा करार दिया है, सिंह ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर इसकी कीमत चुकायी थी.