नई दिल्ली: अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की आधारशिला आज पीएम मोदी द्वारा रखी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास करने के बाद कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्रता दिवस लाखों बलिदानों और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है, उसी तरह राम मंदिर का निर्माण कई पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है.


इस भूमि पूजन के दौरान पुरोहित ने PM मोदी से पूजन संकल्प की दक्षिणा में क्या मांगा, इसके बारे में क्या आपको पता है. दरसअल पीएम नरेंद्र से पुरोहित ने कहा कि 'किसी भी यज्ञ में दक्षिणा महत्वपूर्ण होती है. दक्षिणा तो आज इतनी दे दी गई कि आज अरबों आशीर्वाद प्राप्त हो रहे हैं. उन समस्याओं को दूर करने का आपने संकल्प तो ले ही लिया हैं, 5 अगस्त में कुछ और जुड़ जाए तो भगवान की कृपा होगी.


बता दें कि पीएम मोदी ने आज अपने संबोधन में कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे ‘हमारे रामलला’ के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन, नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया में राम के अस्तित्व का जिक्र किया.


पीएम मोदी ने कहा, ''दुनिया में कितने ही देश राम के नाम का वंदन करते हैं. वहां के नागरिक खुद को राम से जुड़ा हुआ मानते हैं. विश्व की सार्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या जिस देश में है वो है इंडोनेशिया, वहां हमारे देश की तरह काकविन रामायण, स्वर्णदीप रामायण, योगेश्वर रामायण, कई अनूठी रामायण है. राम आज भी वहां पूजनीय हैं. कंबोडिया में ब्रह्मकेड़ रामायण है. मलेशिया में भी रामायण है. थाइलैंड में भी रामायण हैं. आपको ईरान और चीन में भी राम के प्रसंग तथा राम कथाओं का विवरण मिलेगा. श्रीलंका में रामायण की कथा जानकी हरण के नाम से सुनाई जाती है. नेपाल का तो माता जानकी से संबंध जुड़ा है. ऐसे ही दुनिया के और न जाने कितने देश और छोड़ हैं जहां राम रचे-बसे हैं.''