नई दिल्ली: मूडीज ने 0 प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान जताया है. आज एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e शिखर सम्मेलन में इसी को लेकर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आज के समय का यही यथार्थ है, क्योंकि जी-20 देश में जितने भी देश हैं. चीन को छोड़कर सभी निगेटिव ग्रोथ में है.


बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पूरे विश्व के सामने संकट है. ब्रिटिश सेंट्रल बैंक ने कहा है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 300 साल के सबसे निचले स्तर पर होगी. इस पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा यह आलोचना का समय नहीं है. सभी को पता है कि मनमोहन सिंह के समय में अर्थव्यवस्था की अच्छी स्थिति थी. संकट के समय में रेटिंग जीरो होंगी और जीरो से नीचे भी जा सकती हैं क्योंकि देश ठप है. ठप देश को चलाने की जिम्मेदारी हम सभी की बनती है.


कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि हमारे यहां जनता त्राही-त्राही कर रही है. सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों का ख्याल रखे. हम किसी एक पर आरोप नहीं लगा रहे. न केंद्र पर और न राज्य सरकार पर लेकिन अगर अभी भी देश के टीवी चैनलों पर बैठकर हम एक-दूसरे को दोष देते रहेंगे. कहते रहेंगे कि नेहरू जी गलती थी. इंदिरा गांधी की वजह से कोरोना हो गया, ये कहने से काम नहीं चलेगा, हमें आज की समस्या देखकर हल निकालना पड़ेगा.


राजीव शुक्ला की सलाह पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं उनकी बात से सहमत हूं कि यह कोई राजनीति का समय नहीं है. मजदूरों की मौत हो गई, यह दुखद है. सरकार को मदद करनी चाहिए. हमारे पास अधिक आबादी है. 30 प्रतिशत जनता गरीबी रेखा से नीचे खड़ी है. इसका मतलब 40 करोड़ लोगों के पास लॉकडाउन के पहले भी दो वक्त की रोटी का मुसिबत हुआ करता था. हमने कम संसाधनों के बावजूद हालात संभाला है. भारत की स्थिति दुनिया के किसी अन्य देशों से बेहतर है.


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार को सलाह दी है कि सरकार गरीबों को 7500 रुपये सीधा दे. उनकी इस सलाह पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सरकार जनधन खातों के माध्यम से पैसे भेज रही है. वो अगर कह रहे हैं तो, सरकार पहले भी कई बार पैसे ट्रांसफर कर चुकी है. राहुल गांधी विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं लेकिन सरकार के फैसलों की जानकारी नहीं ले रहे हैं. वो अपनी भूमिका नहीं तय कर पा रहे हैं.


कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि हमें समस्या का समाधान खोजना है. सरकार का दावा है कि लोगों को पैसे भेजे गए लेकिन नीचे कहीं भी कुछ पता नहीं चल रहा है. ग्रामीण इलाकों में त्राही-त्राही मची हुई है. सैकड़ों किलोमीटर पैदल जा रहे हैं. पैसा कहां गया? इसका कोई अनुमान नहीं है. मजदूरों की समस्या सारे देश की है3 किसी राज्य की नहीं.


बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को लेकर कोई भी फैसला अकेले केंद्र सरकार ने नहीं लिया है. सभी राज्यों से बातचीत करके लिया गया. सबसे अधिक समस्या दिल्ली, मुंबई और गुजरात में थी.