नई दिल्ली: भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. उनके निधन पर केंद्र सरकार ने सात दिनों के राजकीय शोक का ऐलान किया है. प्रणब दा का राजनीतिक सफर के बारे में लोग वाकिफ होंगे लेकिन उनकी निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं. प्रणब दा को अपनी जिंदगी में कई शौक थे, जिनमें से जो सबसे ज्यादा चर्चित था वो पाइप पीने का था. आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने पहलुओं के बारे में.


प्रणब मुखर्जी को कई शौक थे. उन्हें किताबें पढ़ने का शौक था. बताया जाता है कि वे एक बाद एक तीन किताबें लगातार पढ़ा करते थे. खासकर उन्हें इतिहास में ज्यादा दिलचस्पी थी. प्रणब दा पिछले 40 सालों से डायरी लिख रहे थे. उन्होंने इसे मृत्यु के बाद ही प्रिंट करने की शर्त रखी थी.


पाइप पीने का था शौक
प्रणब मुखर्जी को पाइप पीने का बहुत शौक था. कांग्रेस नेता देवकांत बरुआ ने प्रणब दा को सबसे पहले पाइप ऑफर किया था, बस यहीं से उन्हें इसकी आदत पड़ गई थी. हालांकि डॉक्टर्स के कहने पर उन्होंने कुछ समय के लिए पाइप पीने से परहेज किया लेकिन उनका मन नहीं माना और उन्होंने दोबारा पाइप पीना शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति रहते हुए प्रणब दा को करीब 500 पाइप तोहफे के तौर पर मिले, जिन्हें उन्होंने राष्ट्रपति भवन के म्यूजियम में दान के तौर पर दे दिए.


क्रिकेट से ज्यादा फुटबॉल था पसंद
प्रणब दा को क्रिकेट से ज्यादा फुटबॉल पसंद था. उन्होंने अपने पिता के नाम पर कामद किंकर गोल्ड कप टूर्नामेंट मुर्शीदाबाद में शुरू किया था. उन्हें वॉक करने का भी काफी शौक था. वे अपने घर के लॉन में करीब साढ़े तीन किमी के चक्कर लगाया करते थे.


कई दलों के नेताओं को भेजते थे फल
प्रणब दा हर साल अलग-अलग पार्टी के नेताओं को लीची और आम भेजते थे. दरअसल एक बार कैबिनेट बैठक में लालू प्रसाद ने कहा कि उनके यहां मुजफ्फरपुर की लीची सबसे बढ़िया होती है, इसका जवाब देते हुए प्रणब दा ने कहा कि उनके राज्य के फल भी लाजवाब हैं. इसके बाद से ही उन्होंने नेताओं के लिए फल भिजवाना शुरू कर दिया था.


मां दुर्गा के थे भक्त
प्रणब दा मां दुर्गा के भक्त थे और दुर्गा पूजा में तीन दिन व्रत रखते थे. पैतृक गांव में दुर्गा पूजा के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए वे जरूरी काम को भी तर्क कर देते थे. इसके लिए उन्होंने एक बार महत्वपूर्ण भारत अमेरिका परमाणु समझौते पर अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइज के साथ हस्ताक्षर को एक सप्ताह के लिए टाल दिया.


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