दिल्ली में बारिश के बाद जलभराव की समस्या आम बात हो गई है. इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार में 147 ऐसे प्वाइंट्स को चिन्हित किया है जहां पर जलभराव की समस्या हमेशा सामने आती है. हर बार बारिश में दिल्ली के मिंटो ब्रिज के नीचे पानी भर जाता था लेकिन इस बार मानसून में सभी एजेंसियों ने मिलकर मिंटो ब्रिज के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर प्लान बनाया जिसकी वजह से इस बार मिंटो ब्रिज के नीचे पानी नहीं भरा. इसी तर्ज पर दिल्ली सरकार सभी 147 प्वाइंट पर ऐसा ही ड्रेनेज सिस्टम बनाने की तैयारी कर रही है.
हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री, उप-राज्यपाल, पीडब्ल्यूडी और डीजेबी विभाग ने इसे लेकर एक समीक्षा बैठक भी की. दिल्ली सरकार का कहना है कि मिंटो रोड जैसा सिस्टम दिल्ली के अन्य प्वाइंट्स पर भी बनेगा. नालों और सीवर की नियमित सफाई होगी और दिल्ली में वर्ल्ड क्लास ड्रेनेज सिस्टम बनाएंगे.
जिन 147 प्वाइंट्स को चिन्हित किया गया है वो इस प्रकार है-
- शहादरा सर्किल में 3 स्पॉट
- ईस्ट सर्किल में 2 स्पॉट
- नार्थ ईस्ट सर्किल में 11 स्पॉट
- प्रोजेक्ट सर्किल में 20 स्पॉट
- C&D सर्किल में 20 स्पॉट
- वेस्ट सर्किल में 32 स्पॉट
- नार्थ वेस्ट सर्किल में 7 स्पॉट
- नार्थ सर्किल में 5 स्पॉट
- साउथ सर्किल में 25 स्पॉट
- साउथ वेस्ट सर्किल में 11 स्पॉट
- साउथ ईस्ट सर्किल में 10 स्पॉट
- ITPO डिवीजन में 1 स्पॉट
इन 147 प्वाइंट में भैरो रोड, विकास मार्ग पर लक्ष्मी मेट्रो स्टेशन और कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन, पुल प्रह्लादपुर अंडरपास, मोतीबाग फ्लाईओवर, नजफगढ़ बिजवासन रोड, जखीरा अंडरपास, तिलक ब्रिज, हनुमान मंदिर श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्ग, लोथियन ब्रिज, मिंटो ब्रिज और द्वारका मोड़ जैसे इलाके शामिल हैं जहां जलभराव आमतौर पर देखा जाता है.
इसके साथ ही जिन स्पॉट्स पर जलभराव की समस्या ज्यादा है और वहां हादसों की भी आशंका बनी रहती है ऐसे स्पॉट्स पर दिल्ली सरकार ने सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम भी शुरू किया है. जैसे प्रह्लादपुर अंडरपास में 8 सीसीटीवी कैमरा, मूलचंद अंडरपास में 2 सीसीटीवी कैमरा, मिंटो रोड पर 4, तिलक ब्रिज पर पहले चरण में 4 और दूसरे चरण में 4, भैरो एनक्लेव अंडरपास में 3, आज़ाद भवन में 5, रोज़ गार्डन पम्प हाउस में 5, जखीरा अंडरपास में 4, आजादपुर अंडरपास में 4 और बादली अंडरपास में 6 सीसीटीवी कैमरा अब तक लगाए गए हैं. अन्य लोकेशन पर भी सीसीटीवी कैमरा लगाने की प्रक्रिया जारी है.
दिल्ली सरकार का कहना है कि सारी एजेंसियों के साथ मिलकर ड्रेनेज सिस्टम का डिजाइन बनाया जाएगा और उसको जमीनी स्तर पर लागू कर दिया जाए तो फिर साल में एक बार डी-सिल्टिंग करनी पड़ेगी. डी-सिल्टिंग करने के बाद पूरा ड्रेनेज सिस्टम खुद ही काम करेगा. पीडब्ल्यूडी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अभी 1500 से अधिक पंप सेट हैं जो पानी निकालने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा मॉनसून अलर्ट के दौरान सभी अधिकारियों और इंजीनियर 24 घंटे उपलब्ध रहने की हिदायत दी गई है.
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