नई दिल्ली: देश और दुनिया में कोरोना वायरस तबाही मचा रहा है. दुनियाभर में इससे अभी तक इस वायरस से एक लाख से ज्यादा लोग मर चुके हैं. वहीं लाखों लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं. इस बीमारी का अभी तक कोई ठोस इलाज नहीं मिल पाया है. हालांकि एहतियात ही इस बीमारी से बचने का तरीका है.


इस खतरनाक बीमारी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल पैदा हो रहे हैं, उनमें शायद सबसे ज्यादा सवाल जो लोगों के जहन में घूम रहा है वो ये है कि क्या मरने के बाद इंसान के शरीर से ये वायरस चला जाता है या फिर मरने के कितने समय के बाद ये वायरस शरीर में मौजूद रहता है.


एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस इंसान के मरने के बाद तीन से चार दिन तक उसके शरीर में रहता है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जब तक इंसान के शरीर में तरल पदार्थ बाकी रहता है तब तक ये वायरस इंसान के शरीर में मौजूद रहता है और ये तरल पदार्थ इंसान के मरने के तीन से चार दिन तक शरीर में रहता है.


अब सवाल ये भी उठता है अगर किसी की कोरोना से मौत हो जाती है तो उसे जलाया जाए या दफनाया जाए. इस पर ये जवाब मिला है कि WHO के मुताबिक दोनों ही तरीके गलत नहीं होंगे. हालांकि जलाया जाना दफनाए जाने की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है. इसके पीछे वजह ये है कि जलाने पर जो राख बाकी रहती है उसमें कोरोना वायरस जरा भी बाकी नहीं रहता जबकि दफनाने के तीन से चार दिन तक व्यक्ति के शरीर में वायरस बाकी रहता है.


इस वायरस को लेकर कुछ लोगों को ये भी भ्रम है कि कहीं हवा में तो ये वायरस नहीं फैलता है. तो इसका जवाब भी डॉक्टर्स ने दिया है. डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना वायरस हवा में नहीं फैलता है. ये वायरस इंसान के छींकने, खांसने, लार और कफ से फैलता है. अंतिम संस्कार के दौरान ये वायरस नहीं फैलता है.


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