नई दिल्ली: राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने भाटी माइंस के शरणार्थी कैम्प में रहने वाली दो बहनों साहिबा और राबेली का ज़िक्र किया था. एबीपी न्यूज़ ने इन दोनों बहनों से बात की. दोनों बहनों का कहना है कि नागरिकता देने को लेकर इन्होंने गृह मंत्री को चिठ्ठी भी लिखी थी.
साहिबा और राबेली दोनों बहनें अपने परिवार के साथ 2013 में पाकिस्तान के कराची से भारत आ गई थीं. भाटी माइंस के शरणार्थी कैम्प में उनके कुछ जानने वाले रहते थे. उन्हीं के ज़रिए ये लोग भी इस कैम्प में आ गए. जिसे पाकिस्तानी मोहल्ला के नाम से जाना जाता है. दोनों बहनों ने कहा कि जब नागरिकता संशोधन बिल पर गृह मंत्री राज्यसभा में बोल रहे थे, उस समय टीवी पर वो भी अपने परिवार के साथ गृह मंत्री का संबोधन सुन रही थीं. उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि वो इनका नाम लेंगे. लेकिन जब नाम सुना तो बहुत खुशी हुई.
साहिबा और राबेली ने बताया कि पाकिस्तान में बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता था. लोग काफ़िर कहते थे. अपने तीज त्योहार नहीं मना पाते थे. उन्होंने कहा कि रहना मुश्किल हो गया था इसलिए भारत चले आये. साहिबा ने बताया कि भाटी माइंस के जिस इलाके में ये लोग रहते हैं उसे पाकिस्तानी मोहल्ला के नाम से जाना जाता है. हालांकि, नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद अब यहां रहने वाले लोगों ने मोहल्ले का नाम बदलकर रामकृपाल मोहल्ला कर दिया है.
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