Gautam Adani: दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार गौतम अडाणी ने गुजरात से अपने कारोबार की शुरूआत की और आज पूरी दुनिया में इसे फैलाया है. देश के बहुत से युवा चाहते हैं कि वो भी अपने बिजनेस को अडाणी और अंबानी की तरह दुनिया में फैलाएं और नाम कमाएं. ऐसे में जानते हैं, आखिर गौतम अडाणी के प्रेरणा स्रोत कौन हैं? टाटा बिरला से लेकर अडाणी अंबानी तक हुए बदलाव को गौतम अडाणी किस तरह से देखते हैं? लाखों लोगों के रोल मॉडल अडाणी का रोल मॉडल कौन है? इन्ही सभी सवालों के जवाब जानते हैं खुद गौतम अडाणी से.


सवाल: देश के बहुत सारे लोगों के लिए आप प्रेरणा स्रोत हैं. आपके सफर के बारे में जानकर उन्हें सफलता हासिल करने की प्रेरणा और राह मिलेगी.


गौतम अडाणी: मैं एक सामान्य पारिवारिक व्यक्ति हूं, जो भारतीय परम्पराओं में पला बढ़ा. अभी भी हम संयुक्त परिवार में रहते हैं. उस परिवार में केवल ब्लड रिलेशन ही नहीं बल्कि मेरे सहकर्मी और दोस्त भी परिवार का ही हिस्सा हैं. मेरी कोशिश रहती है कि जो भी काम किया जाए वह केवल मेरे लिए ही नहीं, औरों के लिए भी काम आए. हमने जो भी काम किया है, अगर आप उसे सफलता का तमगा देना चाहें तो उस यात्रा में इन सब लोगों की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है.


सवाल: देश में एक समय औद्योगिक घरानों का जिक होते ही जुबां पर नाम आता था टाटा-बिरला का और अब नाम आता है अडाणी और अंबानी का, इस बदलाव को आप किस तरह देखते हैं?


गौतम अडाणी: निसंदेह, टाटा बिरला देश के बेहद सम्मानित घराने रहे हैं और आज भी हैं. हम आज भी उनसे सीखते हैं. रिलायंस समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी ने भी इसका उदाहरण पेश किया कि एक सामान्य व्यक्ति क्या कुछ कर सकता है. उनका फर्श से अर्श का सफर सभी उद्योगपतियों के लिए प्रेरणा है. मेरे लिए तो यह और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मैं भी फर्स्ट जनरेशन एंटरप्रेन्योर हूं, मैंने भी अपना बिज़नेस धीरूभाई की तरह जीरो से शुरू किया है. मेरा समूह इन तमाम औद्योगिक समूहों के प्रति आभार ही महसूस करता है, क्योंकि हमने इनके अनुभवों से बहुत कुछ सीखा है.


सवाल: गौतम अडाणी आज लाखों लोगों के लिए रोल मॉडल हैं. अडाणी के लिए भी क्‍या कोई रोल मोडल रहा है? यदि हां तो कौन?


गौतम अडाणी: जी, बिल्‍कुल हैं और वह हैं श्रीकृष्ण... जीवन के किसी भी क्षेत्र में आपको चुनौती का सामना करना पड़े, श्रीकृष्ण के चरित्र में आपको समाधान मिल ही जाएगा. वह संघर्ष से सफलता और संकट से समाधान तक की यात्रा का पर्याय हैं. जब कभी किसी उलझन में होता हूं तो उन्‍हीं को याद करता हूं.


सवाल: देश में स्टार्टअप कल्चर तेजी से बढ़ रहा है, जो नए सपने देख रहे हैं उनके लिए आपकी क्या सलाह है?


गौतम अडाणी: जिंदगी का कोई शॉर्टकट नहीं होता. सपने तभी पूरे होते हैं, जब आप अपने सपनों पर पूरा भरोसा करते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. सफलता-असफलता तो जीवन का हिस्सा हैं. असफलता से डरना या झुकना नहीं. बचपन में शिवमंगल सिंह सुमन की इन पंक्तियों ने मुझपर अमिट छाप छोड़ी थी:


क्या हार में क्या जीत में,


किंचित नहीं भयभीत मैं.


संघर्ष पथ पर जो मिले,


यह भी सही यह भी सही,


वरदान मांगूंगा नहीं.


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