नई दिल्ली: बिप्लब देब त्रिपुरा के 10वें सीएम बन जाएंगे. उन्होंने पिछले 25 साल से त्रिपुरा की सत्ता पर काबिज लेफ्ट पार्टी को हराकर बीजेपी को एक धमाकेदार जीत दिलाई है. बीजेपी ने त्रिपुरा में 35 सीटों पर जीत हासिल की है, जो कि किसी करिश्मे से कम नहीं है. अब बिप्लब त्रिपुरा में बीजेपी की सहयोगी पार्टी आईपीएफटी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं. लेकिन बिप्लब देब आखिर हैं कौन और उन्होंने कैसे ये मुकाम हासिल किया?


48 साल के बिप्लब देब ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत त्रिपुरा से दूर दिल्ली में की थी. सबसे पहले वो संघ के स्वयंसेवक बने और फिर बीजेपी के संगठन तक पहुंचे. बिप्लब देब ने बेहद कम वक्त में ही त्रिपुरा की राजनीति में अपनी जगह बनाई और लेफ्ट की सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में कामयाब हुए. उनके साथ काम करने वाले लोग बताते हैं कि इन सबके पीछे उनके स्वयंसेवक होने की ट्रेनिंग है.

पिछले 25 साल से त्रिपुरा की सत्ता पर काबिज लेफ्ट सरकार को हराना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन बीजेपी ने ये कर दिखाया. लेफ्ट को बीजेपी ने लोकतांत्रिक तरीके से मात दी. इन सब के पीछे त्रिपुरा के प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब देब की कड़ी मेहनत मानी जा रही है.

दक्षिण त्रिपुरा के उदयपुर में बिप्लब देव का जन्म हुआ था. 1998 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद वो दिल्ली पहुंचे. यहां पर उन्हे आरएसएस नेता गोविंदाचार्य ट्रेनिंग मिली. बिप्लब देव साल 1998 से 2015 तक दिल्ली में रहे. 2015 में बिप्लब देब को त्रिपुरा भेजा गया और बेहद कम समय में ही जनवरी 2016 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया.

इससे पहले दिल्ली में बिप्लब एक लंबे समय तक बीजेपी सांसद गणेश सिंह के पीए के तौर पर काम करते रहे. गणेश सिंह के मुताबिक बिप्लब देब के भीतर शुरूआत से ही लोगों से जुड़ने की अदभुत क्षमता थी.

त्रिपुरा में पार्टी की कमान मिलते ही बिप्लब देब ने हर इलाके में पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों के लिए आवाज़ उठाई. लोगों के घर-घर तक गए. जानकारों के मुताबिक वो एक नए चेहरे हैं. उनके दामन पर कोई दाग भी नहीं था और यही वजह है कि लोगों ने उन्हें अपने सिर माथे पर बिठाया.