मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राजस्थान में ओबीसी आरक्षण पर विवाद को खत्म करने की मांग करते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को यह समझना की जरूरत है कि सत्ता की पावर तो आती और जाती रहती है. इंदिरा गांधी की सत्ता भी चली गई, जबकि लोग कहते थे कि उन्हें कोई नहीं हटा सकता. एक दिन आप भी चले जाएंगे, इसलिए हालात इतने भी न बिगाड़े कि जिसे सुधारा नहीं जा सके."


सत्यपाल मलिक पहले भी कई बार पीएम पर निशाना साध चुके हैं. इसी संबोधन के दौरान उन्होंने  'अग्निपथ' योजना को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला. सत्यपाल मलिक ने कहा कि सैनिकों की भर्ती की इस योजना से सेना कमजोर हो सकती है और केवल तीन साल की सेवा देने के दौरान जवानों में बलिदान का जज्बा नहीं रह जाएगा. उन्होंने कहा कि जवान में जो कुर्बानी देने का जज्बा होता था, वह तीन साल की ड्यूटी के लिए नहीं आएगा.  यह पहला मौका नहीं है कि जब सत्यपाल मलिक ने तीखे बयान देकर सरकार की नाम में दम न किया हो.


सत्यपाल मलिक ने बीजेपी की गुजरात मॉडल पर भी निशाना साधते हुए कहा, 'गुजरात मॉडल कुछ भी नहीं है. इसमें वही गरीबी है.' उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसान पीड़ित हैं. यहां बेरोजगारी है और कोई बेहत स्वास्थ्य की कोई सुविधा नहीं है. साथ ही ना कोई अच्छा स्कूल हैं. गुजरात में कोई स्वर्ग नहीं है.


कौन हैं सत्यपाल मलिक


सत्यपाल मलिक इसी साल 30 सितंबर को 2022 को मेघालय के राज्यपाल पद से रिटायर हुए हैं. रिटायरमेंट से पहले ही उन्होंने कई बार भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. सत्यपाल मलिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय से आते हैं और उन्हें रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति बनने के बाद बिहार का राज्यपाल बनाया गया था. बिहार का राज्यपाल बनने से पहले मलिक बीजेपी में किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते रहे थे.


उन्होंने अपना राजनीतिक करियर मेरठ यूनिवर्सिटी में एक छात्र नेता के तौर पर किया था.  वह साल 1974 में उत्तर प्रदेश के बागपत में चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से विधायक चुने गए थे. इसके अलावा साल 1980 से 1992 तक राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं.


2004 में बीजेपी में हुए थे शामिल


सत्यपाल मलिक बीजेपी से पहले कांग्रेस के साथ भी जुड़े रहे हैं. वह साल 1984 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. कांग्रेस से जुड़े रहने के दौरान वह राज्यसभा सदस्य भी बने लेकिन लगभग तीन साल बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वह साल 1988 में  वीपी सिंह नीत जनता दल के साथ जुड़ गए और साल 1989 में अलीगढ़ से सांसद चुने गए.


सत्यपाल सिंह का बीजेपी के साथ सफर साल 2004 में शुरू हुआ और वह लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन इस चुनाव में उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह ने हरा दिया. वह 21 अप्रैल 1990 से 10 नवंबर 1990 तक केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे थे.


सत्यपाल मलिक ने कब कब साधा बीजेपी पर निशाना



  • 5 जनवरी 2022 को सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था, ' मैं जब किसानों के मामलों को लेकर प्रधानमंत्री जी से मिला तो मेरी पांच मिनट में ही उनसे लड़ाई हो गई. वह तो बहुत घमंड में थे. जब मैंने उनसे कहा कि मेरे 500 लोग मर गए तुम तो कुतिया मरती है तो चिट्ठी भेजते हो. इसके जवाब में पीएम ने कहा कि वह मेरे लिए मरे हैं? तह मैंने कहा कि आपके लिए ही मरे हैं क्योंकि आप उनकी वजह से ही राजा बने हुए हो. 


  • 10 सितंबर 2012 को अपने राजस्थान दौरे के दौरान उन्होंने कहा था कि सरकार को इन बीजेपी वालों पर भी छापे डलवा देने चाहिए. उन्होंने कहा था कि राज्यपाल का कार्यकाल खत्म होने के बाद किसानों के बीच जाएंगे.  



  • 8 सितंबर 2022 को सत्यपाल मलिक ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा था, 'इस्तीफा मेरी जेब में है और अगर किसी को उनकी बात से दुख पहुंच रहा है, चोट पहुंच रही है, वे अपने पद से तुरंत हट जाएंगे.' उन्होंने उसी दैरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि किसानों की एमएसपी की बात नहीं मानी तो किसान और सरकार के बीच बड़ी लड़ाई होगी और मैं उस लड़ाई में गवर्नरशिप से इस्तीफा देकर कूद पड़ूंगा. उन्होंने उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि जब तक एमएसपी को कानूनी दर्जा नहीं दिया जाएगा तब तक किसानों की समस्या हल नहीं होगी. 


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