जानिए, कौन हैं भारतीय वायुसेना के 'हैली सर', जिनकी राफेल सौदे से लेकर डिलीवरी तक में है अहम भूमिका
एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर कश्मीर में रातों रात चर्चा का विषय बन गए हैं. हिलाल ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को विदाई दी, जिन्होंने फ्रांस से भारत के लिए सोमवार को उड़ान भरी. इसके अलावा वह भारतीय जरूरतों के मुताबिक राफेल विमान के शस्त्रीकरण से भी जुड़े रहे हैं.
![जानिए, कौन हैं भारतीय वायुसेना के 'हैली सर', जिनकी राफेल सौदे से लेकर डिलीवरी तक में है अहम भूमिका Know who is the Hilal Ahmed Rather alisas heli sir of the Indian Air Force, who has an important role in the Rafale deal to delivery ANN जानिए, कौन हैं भारतीय वायुसेना के 'हैली सर', जिनकी राफेल सौदे से लेकर डिलीवरी तक में है अहम भूमिका](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/07/29121123/Rather-Hilal.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: वायुसेना में 'हैली सर' के नाम से मशहूर एयर कमाडोर, हिलाल अहमद राथेर इनदिनों खासा चर्चा में हैं. हो भी क्यों ना, हैली सर पिछले साल दशहरे के मौके पर फ्रांस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ राफेल की शस्त्र पूजा करते हुए दिखाई पड़ रहे थे, तो अब जब पांच राफेल विमान मैरिगनैक से भारत के लिए पहुंच रहे हैं कभी तो भारतीय राजदूत को राफेल के कॉकपिट में फ्रांसीसी फाइटर जेट की ताकत गिनाते दिख रहे हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर ये हैली-सर भारत और भारतीय वायुसेना के लिए इतने खास क्यों हैं.
राफेल सौदे से लेकर डिलीवरी तक में है अहम भूमिका निभा चुके हैं हिलाल अहमद राथेर दरअसल, एयर कमाडोर हिलाल अहमद राथेर पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में एयर-अटै्से (अटैचे) के तौर पर तैनात हैं. वायुसेना में मिराज2000 के फाइटर पायलट राथेर, राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे से लेकर उनकी फाइनल डिलवरी में अहम भूमिका निभा चुके हैं. मूलत दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले राथेर ही वो शख्स हैं जिन्होनें कोरोना काल के दौरान भी फ्रांसीसी सरकार और राफेल बनाने वाली कंपनई, दसॉ (दसॉल्ट) को फाइटर जेट्स की डिलीवरी समय पर करने के लिए जोर दिया.
लेकिन राथेर सबसे पहले चर्चा में पिछले साल दशहरा यानि 8 अक्टूबर 2019 को फ्रांस के मैरिग्नैक में उस वक्त आए थे जब वे एबीपी न्यूज के कैमरे में कैद हुए थे. मौका था राफेल विमानों के वायुसेना में शामिल होने का. खुद रक्षा मंत्री राजनाथ इसके लिए दसॉ के मैरिग्नैक स्थित फैसेलिटी (प्लांट व एयर स्ट्रीप) पर पहुंचे थे. वहां राजनाथ सिंह द्वारा शस्त्र-पूजा की पूरी तैयारी राथेर और राफेल की पहली स्कॉवड्रन (गोल्डन ऐरोज़) के कमांडिंग ऑफिसर, ग्रुप कैप्टन हरकिरत सिंह ने की थी. एबीपी न्यूज संवादादाता द्वारा बनाए गए उस पूजा की तैयारी का मोबाइल-वीडियो ट्वीटर पर 80 हजार से ज्यादा लोगों ने देखा था.
ना केवल शस्त्र-पूजा बल्कि उन नींबू के साथ भी राथेर दिखाई पड़े थे जिसके चलते इस समारोह की जग-हंसाई तक हुई थी.
हिलाल ने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को विदाई दी सोमवार को जब फ्रांस में भारतीय राजदूत, जावेद अशरफ मैरिग्नैक फैसेलिटी पहुंचे थे पांचों राफेल विमानों को भारत के लिए रवाना करने के लिए, तो तब भी राथेर उनके साथ थे. जावेद अशरफ जब एक निर्माणधीन राफेल की कॉकपिट में बैठे, तो राथेर उन्हें इस फाइटर जेट की खूबियों से लेकर ताकत तक गिनवाते दिखें.
सबसे पहले राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाले पायलट हैं राथेर मंगलवार को राथेर ट्वीटर पर भी चर्चा का विषय थे. कश्मीरी अवाम उनके राफेल विमानों के भारत लाने पर बेहद उत्साहित थी. अनंतनाग के रहने वाले राथेर के पिता जम्मू कश्मीर पुलिस में डीएसपी थे और उन्होनें जम्मू के करीब नगरोटा के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी. वर्ष 1988 में वायुसेना में राथेर एक फाइटर पायलट के तौर पर शामि हुए थे. वे उन चंद भारतीय पायलट्स में से थे जिन्होनें सबसे पहले राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी. वे मिग 21 और मिराज फाइटर जेटंस उड़ा चुका है. वायुसेना में वे 'हैली सर' के नाम से जाने जाते हैं.
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