G20 में पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 5G पर हुई चर्चा की क्या है अहमियत?
जापान के ओसाका शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के तमाम नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की. इस मुलाकात में जिन अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, उनमें 5G तकनीकि बेहद अहम मुद्दा है.
नई दिल्ली: मोदी और ट्रम्प की बातचीत में 5G पर चर्चा प्रमुख मुद्दों में से है. आखिर, 5G पर ऐसा क्या है कि ट्रम्प और मोदी के बीच बातचीत का ये अहम मुद्दा बन गया है? दरअसल, अब दुनिया 4G तकनीक से आगे बढ़कर 5G की तरफ रुख कर रही है. अमेरिका में कई कंपनियों ने 5G सेवा देना भी शुरू कर दिया है. दरअसल, 5G तकनीक को पूरी दुनिया में बढ़ाने में जिनकी सबसे ज़्यादा तकनीक प्रदाता कंपनियों की पौ बारह होगी. हज़ारों करोड रुपये के टेलीकॉम इक्विपमेंट लगेंगे. हज़ारों, लाखों करोड़ के मोबाइल इक्विपमेंट बनेंगे.
ऐसे में अमेरिका ने हाल ही में चीनी कंपनी हुआवे को अमेरिका में ये कहते हुए प्रतिबंधित कर दिया है कि हुआवे अपने टेलीकॉम उपकरणों के जरिये जासूसी करता है. इसीलिए, अमेरिका अपने सभी सहयोगी देशों से चाहता है कि वो भी हुआवे से दूरी बनाये. वहीं, भारत में अब 5G ट्रायल शुरू होने हैं. ऐसे में अमेरिका चाहता है कि भारत हुआवे को अपने देश में 5G में एंट्री से रोके. इससे जहां एक और चीन को बहुत बड़ा व्यापारिक नुकसान होगा तो वहीं दूसरी ओर अमेरिकी कंपनियों और यूरोपियन कंपनियों को फायदा होगा.
दूसरा तर्क ये है कि 1G से लेकर 4G तक का सफर तय करने में अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों ने 100 अरब डॉलर से ज़्यादा का निवेश किया है. इसका दोहन अभी बाकी है. लेकिन, वहीं पिछले कुछ सालों में चीनी कंपनियों जैसे हुआवे और ZTE ने आकर टेलीकॉम उपकरण बाज़ार पर बड़ा कब्ज़ा कर लिया है. इससे अमेरिकी और यूरोपियन कंपनियों को व्यापार का तगड़ा नुकसान हो रहा है. इसीलिए, अब अमेरिका चाहता है कि भारत जैसे बड़े देश से हुआवे की छुट्टी हो जाये तो अमेरिकी और यूरोपियन कंपनियों को फायदा होगा.
5G है क्या? ये टेलीकॉम की नई तकनीक है जिससे 4G के मुकाबले कई गुना ज्यादा स्पीड मिलेगी. 1GB से लेकर 20 GB प्रति सेकंड तक की स्पीड हासिल होगी. यानी, पूरी 3 घंटे की मूवी कुछ सेकंड में ही डाउनलोड हो जाएगा.
5G के फायदे? ज़बरदस्त स्पीड के बूते आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी तकनीक तेज़ी से लोगों को मुहैया होंगी.
भारत में 5G? भारत में जल्द ही 5G के ट्रायल शुरू होने वाले हैं. इसीलिए, अमेरिका दबाव बना रहा है कि चीनी कंपनियों को इन ट्रायल से दूर रखा जाए.